खिलौना उद्योग के लिए जागरूकता कार्यशाला, एमएसएमई मंत्रालय का आयोजन

इंदौर, आकाश धोलपुरे। देश में निर्मित खिलौनों के निर्माण और प्रचार प्रसार को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। दरअसल, देश में आयात होने वाले उत्पादों में बड़ा हिस्सा चीन से आने वाले खिलौनों का होता है। देश की सीमा पर भारतीय सेना की चीनी सैनिकों के साथ हुई भिड़ंत के बाद देश में चीनी उत्पादों के प्रति आम लोगो की धारणा बदली है। वहीं सरकार ने भी चीन से आने वाले उत्पादों का आयात बंद कर उन्हें देश में ही उत्पादन करने की योजनाओं को बढ़ावा दिया है। ऐसी योजनाऐं जो खिलौना उद्योग को प्रोत्साहित कर सकती है, इनके प्रचार प्रसार का काम सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के विकास संस्थान द्वारा किया जा रहा है। गुरूवार को होटल सूर्या में एमएसएमई डीआई इंदौर ने खिलौना उद्योग के लिए सुरक्षा एवं मानक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मप्र के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया, इंडियन प्लास्टपैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल और इंदौर हैंडीक्राफ्ट लेदर एनिमल मेन्युफेक्चरिंग एसोएिशन के अशोक साहू मुख्य अतिथि रहे।

यहां एमएसएमई के सहायक निदेशक निलेश त्रिवेदी बताया कि इंदौर के चमड़े से बनने वाले खिलौनों को जियोग्राफिकल टैग मिला हुआ है। ये एक्सपोर्ट के लिए विशेष दर्जा रखता है। उन्होंने आगामी 28 फरवरी से 2 मार्च के बीच होने वाले वर्चुअल टॉय फेयर की जानकारी देते हुए बताया कि इस आयोजन में देश के 800 खिलौना निर्माता भाग लेंगे। इसमें 40 यूनिट इंदौर भी शामिल है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए एक्सपोर्ट, कलस्टर, विदेशों में व्यापारिक आयोजन में भाग लेने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं की जानकारी भी दी। आयोजन में प्लास्टिक से बनने वाले खिलौनों के लिए विकसित हो रहे नए बाजार पर बोलते हुए आईपीपीएफ के अध्यक्ष सचिन बंसल ने बताया कि निर्माताओं की हर संभव मदद के लिए फोरम तैयार है। कच्चा माल और उसकी उपलब्धता से लेकर प्रशासनिक सहयोग में उनकी मदद की जाएगी। खिलौना निर्माताओं को शासन के नियमों का पालन करते हुए अपने उत्पादन को बढाना चाहिए और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठा कर उन्हें अन्य देशों में निर्यात भी करना चाहिए।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।