इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर लोकायुक्त टीम ने पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। सांवेर तहसील के दर्जी कराड़िया गांव के सरपंच से पटवारी सुबोध सुमेले ने जमीन के नक्शा बटांकन के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी। जिसकी शिकायत सरपंच ने लोकायुक्त में की जिसके बाद लोकायुक्त रणनीति बनाते हुए सरपंच को रिश्वत की पहली किस्त के रूप में सोमवार को ग्राम पंचायत भवन में पटवारी के पास भेजा, जैसे ही सरपंच ने पटवारी को 40 हजार रुपये दिए तो लोकायुक्त की टीम ने पटवारी सुबोध को रंगे हाथ पकड़ लिया। पटवारी के पास पांच-पांच सौ रुपये के नोट मिले। लोकायुक्त की टीम उसे सांवेर थाने की धरमपुरी पुलिस चौकी पर लेकर आई, जहां कार्रवाई की लिखा-पढ़ी की गई।
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सुबोध पटवारी वर्ष 2018 में पटवारी बना था। तीन साल की नौकरी में ही सुबोध की लगातार शिकायते मिल रही थी कि बिना पैसे लिए वह काम नही करता है। उसके पिताजी सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं। बताया जा रहा है कि सुबोध को पैसे का इतना लालच है कि जमीन और राजस्व संबंधी कामों के लिए तीन साल में ही वह लाखों रुपये का लेनदेन करने लगा था। नामांतरण, बंटवारा, बटांकन जैसे कामों को कराने के लिए वह बड़ी राशि की मांग करने लगा था। पटवारी सुबोध के पास सांवेर तहसील के दर्जी कराड़िया गांव का हल्का है। दर्जी कराड़िया के सरपंच कमल चौधरी को अपनी जमीन का नक्शा बटांकन कराना था। इसके लिए उसने पटवारी से संपर्क किया। पटवारी ने बताया कि इस काम के लिए पड़ोस के भू-स्वामियों से भी सहमति लेनी पड़ेगी। इस काम के लिए एक लाख रुपये खर्च करना पड़ेंगे। सरपंच ने इसकी शिकायत इंदौर में लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को की। इस मामले की रिकार्डिंग भी कराई गई। बातचीत के दौरान 85 हजार रुपये की रिश्वत लेना तय हुआ। बातचीत के समय ही पटवारी ने शिकायतकर्ता सरपंच से पांच हजार रुपये ले लिए।इसके बाद सोमवार को जब सरपंच पटवारी को अगली किश्त देने पहुंचा तो पटवारी लोकायुक्त के हत्थे चढ़ गया।