भोपाल/इंदौर।
मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट पर अब तक सस्पेंस बरकरार है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल उम्मीदवार की तलाश में उलझे हुए हैं। कांग्रेस की ओर से पहले दिग्विजय सिंह का नाम फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की अटकलें चलीं लेकिन कांग्रेस की ओर से जारी लिस्ट में सिंधिया के नाम की मुहर गुना सीट पर ही लगी। जिसके बाद तमाम अटकलों पर विराम लग गया। अब पार्टी को बीजेपी के ऐलान का साथ ही किसी बड़े चेहरे की तलाश है।
इंदौर सीट के लिए कांग्रेस के पैनल में कई नाम शामिल हैं लेकिन अब तक पार्टी की ओर से हरी झंडी नहीं मिली है। लगातार हो रही देरी से दावेदारों में बैचेनी बढ़ने के साथ इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी किसी बाहरी उम्मीदवार को यहां टिकट दे सकती है। वहीं, बीजेपी में भी हाल कुछ ऐसा ही है। सुमित्रा महाजन (ताई) के इनकार करने के बाद से पार्टी लगातार माथापच्ची कर रही है। लेकिन अंतिम फैसला लेने में दोरी हो रही है। बीजेपी को भी ताई के बदले उम्मीदवार तलाशने में परेशानी हो रही है। कांग्रेस की ओर से जीतू पटवारी का नाम भी दावेदारों में शामिल है। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने कहा है कि अगर पार्टी मौका देगी तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे।
कांग्रेस से ये नाम आगे
कांग्रेस में इंदौर सीट के लिए कई नाम रेस में शामिल हैं। इनमें पंक संघवी, सत्यनारायण पटेल, अशविन जोशी और शोभा ओझा का नाम चल रहा है। अंदरखाने की खबर है कि पंकज संघवी का नाम लगभग तय माना जा रहा है लेकिन औपचारिक घोषणा होना बाकी है। वहीं, कुछ का कहना है कि शोभा ओझा के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी। हालांकि, शोभा प्रदेश अध्यक्ष बनने की चाह रही हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी शोभा ओझा के नाम पर विचार कर रही जिससे उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी से दूर रखा जा सके।