इंदौर, आकाश धोलपुरे। कोरोना काल (Corona) में मास्क (Mask) के नाम पर चालान की बहती गंगा में हाथ धोने के लिए अब अलग अलग सरकारी विभाग सामने आ रहे हैं। इंदौर में तो तथाकथित रूप से वैटरनरी डिपार्टमेंट के कर्मचारी भी बिना मास्क वालों के चालान बना रहे हैं। यहां तक कि ये कर्मचारी स्वयं को नगर निगम इंदौर का कर्मचारी बता रहे हैं। वैटरनरी विभाग के ये कर्मचारी मीडियाकर्मियों के साथ अभद्रता भी कर रहे हैं।
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सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के अनुसार यह घटना लैंटर्न चौराहे की है। यहां एक बोलेरो जीप (एमपी 02 एवी 4766) आकर रुकती है। इसमें से कुछ अधिकारी, कर्मचारी उतरते हैं और बिना मास्क (Mask) वालों के चालान काटने लगते हैं। तभी वहां से एक मीडियाकर्मी निकलता है। वह उनसे पूछता है कि आप कौन से डिपार्टमेंट से हैं। इस पर एक कर्मचारी बोलता है कि नगर निगम से हैं और एक्टिवा पर बैठकर चल देता है। तभी मीडियाकर्मी दूसरे कर्मचारी से पूछता है तो वह भी अपने गले में टंगा आइडेंटिटी कार्ड सामने करते हुए कहता है कि नगर निगम के हैं। जबकि, उसके कार्ड पर विभाग के नाम की जगह लिखा है गवर्नमेंट वैटरनरी सर्विसेस। इसके साथ ही वह अपना आई कार्ड पलटने लगता है। मीडियाकर्मी द्वारा लगातार बातचीत करने पर ये सभी कर्मचारी उससे विवाद करने लगते हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद लगने लगा है कि कोरोना काल में मास्क न लगाने के नाम पर जबरन वसूली का नया तरीका इजाद किया गया है। वो विभाग, जिनका इससे कोई लेना देना नहीं, वो भी सड़क पर खड़े होकर चालान काट रहे हैं। और अगर ये वैटरनरी विभाग के नहीं होकर कोई फर्जी गिरोह है, तो इसकी भी जांच पड़ताल होनी चाहिए। फिलहाल, इस मामले में जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है ये देखना दिलचस्प होगा।