इंदौर में दो सगे भाइयों के बीच हुआ विवाद, बड़े भाई ने छोटे भाई पर किया फायर, फिर कर लिया सुसाइड

दोनों भाई अक्सर आपस मे झगड़ते रहते थे आज भी दोनों के बीच तात्कालिक विवाद हुआ और फिर उक्त घटना हो गई। दोनो भाई अविवाहित थे। छोटा भाई जावेद ऑटो चलता था और बड़ा भाई कोई काम ना करते हुए घर पर ही रहता था।

Amit Sengar
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Indore News : इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र के दुर्गा नगर में रहने वाले दो सगे भाइयों में विवाद हुआ और विवाद इतना बढ़ गया की बड़े भाई परवेज ने अपनी लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक से फायर किया। जिसकी गोली जावेद के सीने में लगी जिसे इलाज के लिए एम वाय अस्पताल भर्ती किया गया है। फिर उसी लाइसेंस बंदूक से बड़े भाई ने खुद को गोली मार ली जिसकी मौके पर ही मौत हो गई।

क्या है पूरा मामला

दरअसल इंदौर के एरोड्रम इलाके में दो भाइयों के बीच हुए विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि बड़े भाई ने छोटे भाई को गोली मारकर घायल कर दिया छोटे भाई को गोली मारने के कुछ देर बाद बड़े भाई ने खुद को इस लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या भी कर ली घटना की सूचना मिलते ही आला पुलिस अफसर जांच के लिए मौके पर पहुंचे और घायल को अस्पताल इलाज के लिए भर्ती कराया झोन एक के डीसीपी विनोद कुमार मीणा ने घटना को लेकर बताया कि दोनों सगे भाइयों में विवाद हुआ और विवाद बड़ा इसके बाद यह घटना घटित हुई।

आपसी विवाद के बाद भाई को मारी गोली, फिर खुद को किया शूट

डीसीपी ने यह भी बताया के इनके पिता रिटायर्ड हेड कांस्टेबल है हेड कांस्टेबल के दो बेटे परवेज शेख (40) और जावेद (38) के बीच सोमवार को किसी बात को लेकर विवाद हो गया।विवाद के दौरान बड़ा भाई परवेज घर मे रखी 12 बोर की लायसेंसी बन्दूक लाया और छोटे भाई जावेद पर फायर कर दिया जिससे जावेद लहूलुहान हो गया।घर में मौजूद लोग कुछ समझ पाते इसके पहले ही परवेज ने उसी बन्दूक से खुद को भी गोली मार ली।

इस घटना की उत्पत्ति को लेकर डीसीपी ने बताया कि दोनों भाई अक्सर आपस मे झगड़ते रहते थे आज भी दोनों के बीच तात्कालिक विवाद हुआ और फिर उक्त घटना हो गई। दोनो भाई अविवाहित थे। छोटा भाई जावेद ऑटो चलता था और बड़ा भाई कोई काम ना करते हुए घर पर ही रहता था।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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