इंदौर। स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।
सूर्य ग्रहण ख़त्म होते ही शहर के मंदिरो के बाहर श्रद्धालुओं की क़तार लगना शुरू हो गई। कल शाम सूतक लगने के बाद से मंदिरो में देव दर्शन ओर पूजा नही की जा रही थी। गुरुवार को ग्रहण ख़त्म होते ही लोग मंदिरो पर दर्शन के पहुँचने लगे। बता दे कि ग्रहण के दौरान मंदिर के बंद दरवाज़े से झांक रहे श्रध्दालु, आखिर में ग्रहण के बाद अपने इस्ट देव के दर्शन के लिए जमा जुटे है। जहाँ मंदिर के बाहर श्रद्धालु दरवाज़ा खुलने का इंतज़ार कर रहे है वही मंदिर के अंदर पुजारी परिवार भगवान गणेश की प्रतिमा का जल अभिषेक ओर मंदिर प्रांगण की धुलाई करने में जुटे हूए थे। दरसल मान्यता के अनुसार ग्रहण के बाद देव प्रतिमा ओर प्रांगण की पवित्रता के लिए गंगा जल से धुलाई की जाती है जिसके बाद दर्शन कीये जाते है। 26 दिसंबर की इस साल का आख़री ग्रहण था। अगला ग्रहण 2020 में लगेगा। इंदौर में ना सिर्फ गणेश मंदिर बल्कि शहर के अन्य मंदिरों पर भी ये ही नजारा देखने को मिला। बता दे कि साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 8.09 बजे से 10.59 बजे तक रहा। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में देखा गया। सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण का काम शुरू कर दिया गया। सूर्य ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिरों के पट खोले गए। इससे पहले बुधवार रात 8 बजे से सूतक लग गया था। इसी समय सभी प्रमुख मंदिरों के पट बंद कर दिए गए। प्रमुख मंदिरों में शयन आरती भी रात 8 बजे के पहले कर ली गई थी इंदौर के रंजीत हनुमान मंदिर में भी मंदिर के कपाट खोले गए संपूर्ण मंदिर को पानी से धोकर शुद्ध किया गया। ग्रहण समाप्ति के बाद भक्त मंदिरों में प्रभु के दर्शन करने पहुंच रहे हैं ग्रहण के पश्चात मंदिरों में साफ-सफाई की गई साथ ही भगवान को नए वस्त्र धारण करवाएं गए शुद्धीकरण के पश्चात भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा साथ ही भोग लगाया जाएगा।