इंदौर| 50 किलो तक वजन उठाने की मांग को लेकर यूं तो इंदौर के हम्मालों ने बीते एक साल में कई प्रदर्शन किए और कई बार तो मंडियों में हंगामे की स्थिति भी बनती दिखाई दी थी लेकिन अबकी बार हम्मालो ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर मंडी प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी है। इंदौर हम्माल फेडरेशन का दावा है कि ना सिर्फ इंदौर बल्कि उज्जैन, देवास सहित प्रदेश की छोटी मंडियों के हम्माल भी हड़ताल में शामिल है और एक आवाज में मंडी प्रशासन से मांग कर रहे है कि एक हम्माल और 50 किलो वजन नियम जल्द लागू किया जाए। दरअसल, इंदौर की छावनी व लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में हम्मालों से 100 किलो का वजन उठवाया जाता है जो श्रम कानून के उल्लंघन के साथ ही मानव अधिकारों का भी हनन है जबकि अन्य राज्यो में हम्मालों से 50 किलो तक ही वजन उठवाया जाता है। इंदौर हम्माल फेडरेशन के अध्यक्ष राजू प्रजापति के मुताबिक अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण पहले दो दिन में 50 करोड़ से ज्यादा कारोबार इंदौर की मंडियों में प्रभावित हुआ है क्योंकि दो मंडियों के 3 हजात हम्माल हड़ताल पर है और मंडी पहुंचने वाले ट्रक व अन्य वाहन माल नही बेच पा रहे है। इधर, इस मामले को लेकर कांग्रेस सरकार की मुश्किल आचार सहिंता के चलते कम हुई है लेकिन मंडी प्रशासन के अधिकारियों की मुश्किलें बड़ी हुई है वही व्यापारियों के चेहरों की भी हवाईयां उड़ी हुई है हालांकि हड़ताल के दौरान हम्मालों ने व्यापारियों द्वारा दबाव बनाए जाने के आरोप भी लगाए है। फिलहाल, हम्मालों की हड़ताल आगे भी जारी रहेगी वही मंडी प्रशासन समस्या से निजात के लिए जुगाड़ में लगा हुआ है कल ही मंडी प्रशासन ने 10 फीसदी हम्माली बढ़ाने की पेशकश की थी लेकिन हम्माल संघ इस बार आर पार की लड़ाई पर आमदा है।
ऐसे बदले नजारे, कभी कुछ अलग से थे
मंडियों में हम्मालों की हड़ताल के बाद मंडी के नजारे बदले हुए जहां कांधे पर बोझ ढोने वाले हजारों की संख्या में दिखते थे वो आज चंग पे खेलने के साथ ही ठेले पर बैठकर बातो में मशगूल दिखाई दिए वही दूसरी और मंडी में किसान नदारद दिखे और व्यापारी भी। व्यापारी तो हड़ताल को पिकनिक समझकर कम संख्या में मंदी पहुंच रहे है वही कुछ व्यापारी इधर – उधर भटकते हुए हड़ताल समाप्ति का इंतजार कर रहे है।