ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ उच्च न्यायालय सख्त, सरकार को दिया नोटिस, तीन सप्ताह में मांगा जवाब

Shashank Baranwal
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Indore

Indore News: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुश्रुत धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की पीठ ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा कि पूरे शहर में अत्यधिक शोर के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। प्रदेश में कोलाहल नियंत्रण अधिनियम होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। वहीं सरकार को उच्च न्यायालय के नोटिस पर तीन सप्ताह में जवाब देना है।

धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम फैला रहे प्रदूषण

याचिकाकर्ता अमिताभ उपाध्याय और चिन्मय मिश्र ने इंदौर शहर में बढ़ते शोर को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि धार्मिक, सांसकृतिक और अन्य कार्यक्रमों की वजह शहर में ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है।  अनियंत्रित ध्वनि होने से शांति से जीवन जीने के अधिकार, निजता के अधिकार और अच्छी नींद के अधिकार जैसे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किए गए कई आदेशों के उल्लंघन के साथ राज्य के कोलाहल नियंत्रण अधिनियम और शासन के कई आदेशों का उल्लंघन हो रहा है। वहीं याचिकाकर्ता द्वारा शहर में ध्वनि प्रदूषण का उत्तरदायी सरकार, जिले के कलेक्टर पुलिस कमिश्नर, नगर निगम आयुक्त और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बनाया गया है। आपको बता दें याचिकाकर्ती की तरफ से इस मामले की पैरवी वकील अभिनव धनोड़कर द्वारा की जा रही है।

नियम के खिलाफ बज रहे लाउड स्पीकर को किया जाए जब्त

याचिकाकर्ता ने न्यायालय से गुजारिश की है कि शासन और उसके अंगों को निर्देश दिया जाए कि जो भी लाउड स्पीकर नियम के खिलाफ बज रहे हैं उसको जब्त किया जाए। इसके साथ ही निर्माता और व्यापारी के भी खिलाफ कार्रवाई की जाए। रात 10 बजे के बाज बजने वाले लाउड स्पीकर को कानूनी रुप से जब्त कर लिया जाए। वहीं रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच जो भी कलाकार, डीजे या कोई परफॉर्मर कार्यक्रम करे उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाए।

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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