इंदौर| रविवार को इंदौर के हीरा नगर थाना क्षेत्र की प्राइम सिटी से किराना दुकान संचालक का 6 वर्षीय बेटा अक्षत जैन आखिरकार अपने माता पिता के बीच घर पहुँच गया| बच्चे के अपहरण की घटना ने न सिर्फ परिजनों का सुकून छीन लिया था, बल्कि पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती थी| हालांकि तत्परता दिखाते हुए पुलिस बच्चे को सकुशल घर ले आई, जिससे पुलिस टीम बधाई की हकदार बनी है| अक्षत जैन 39 घंटे बाद आज सुबह ६ बजे सकुशल अपने घर पहुंचा। रविवार की पूरी रात परिजन उसके अगवा होने के गम में नहीं सो पाए तो सोमवार की रात उसके इंतजार में किसी को नींद नहीं आई। सुबह जैसे ही पुलिस उसे लेकर घर पहुंची तो उसकी मां शिल्पा, पिता रोहित जैन सहित सभी परिजन फूट-फूटकर रोए और सभी की आंखो में खुशी के आंसू छलक आए। वहीं इस घटना ने आधुनिक दौड़ में सबसे आगे निकले शहर इंदौर के लोगों में एक डर बढ़ा दिया| सभी बच्चे की पल पल की जानकारी से जुड़े रहे आखिरकार पुलिस ने अपना भरोसा कायम रखते हुए बच्चे को सुरक्षित वापस लाने में सफलता हासिल की जिससे पूरे शहर में ख़ुशी का माहौल है|
दरअसल, रविवार को हीरा नगर थाना क्षेत्र की प्राइम सिटी से किराना दुकान संचालक के छह साल के बेटे अक्षत का अपहरण हो गया था| जिसके बाद से इंदौर पुलिस हरकत में आई और 10 लाख रुपए की फ़िरौती की मांग के लिए आए फ़ोन नम्बर को ट्रेस किया गया| वही पुलिस ने अपहरणकर्ताओ से लड़की की आवाज में बात की जिसके बाद परत दर परत पूरे मामले का खुलासा हो गया और आखिर में अक्षत सकुशल सागर के बरोदिया गांव से बच्चा मिल गया। इसके बाद अक्षत को सागर लाया गया जहां एसपी ऑफिस में उसे खाने को दिया गया इस दौरान सागर एसपी अमित सांघी सहित एडिशनल एसपी एवं अन्य पुलिसकर्मी और डॉक्टर भी मौजूद थे।
अक्षत का अपहरण उसके दादा के परिचित संतोष विश्वकर्मा और उसके पांच साथियो ने किया था जो कि अक्षत के दादा की फैक्ट्री में काम करता था। संतोष के साथी नबाव, लोकेश, अंकित और हसीन थे जिन्हें टीकमगढ़ पुलिस के सहायता से ललितपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने फ़िरौती के लिए आये फोन पर लड़की बन बात की तो पता चला कि वो अक्षत को ललितपुर ले जा रहे है लेकिन पुलिस से पकड़े जाने की भनक जैसे ही अंकित व लोकेश को लगी तो दोनों ने अक्षत को बरोदिया चौकी के पास छोड़ दिया और भाग खड़े हुए। इधर, इंदौर पुलिस को तफ़्तीश के दौरान बाइक सवारों के फुटेज निरंजनपुर चौराहे तक मिले थे। बाइक सवार बदमाश अक्षत को इंदौर से देवास, सीहोर हुए सागर और फिर ललितपुर ले जाने की फिराक में थे लेकिन अचानक पकड़े जाने के डर से अंकित व लोकेश ने मालथौन के करीब बरोदिया चौकी पर अक्षत को छोड़ दिया। इसके बाद अक्षत पुलिस चौकी के अंदर गया और उसने खुद को इंदौर का बताकर पूरा माजरा पुलिस को सुनाया। इसके बाद बच्चे के तार इंदौर से जुड़े और इंदौर पुलिस ने बच्चे को अपनी हिरासत में ले लिया। महज 27 घण्टे में अपहरण के खुलासे और दोषियों के पकड़े जाने के बाद ना इंदौर पुलिस ने राहत की सांस ली बल्कि अक्षत के पिता रोहित जैन माँ शिल्पा और दादा ने खुद को खुशनसीब माना और ईश्वर के साथ ही पुलिस को धन्यवाद दिया। पूरे मामले में सीएम कमलनाथ ने तत्परता दिखाने पर पुलिस को बधाई दी है. सीएम ने पुलिस महकमे को ऐसे मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं|