इंदौर, आकाश धोलपुरे। अगस्त माह में जेल की चार दिवारी से हमेशा – हमेशा के लिए रिहा होने वाले एक कैदी ने इंदौर (Indore) की सेंट्रल जेल (Indore Central Jail) में आत्महत्या (Suicide) कर ली। मृतक कैदी का नाम कालू उर्फ ललित पिता श्यामलाल निवासी भागीरथपुरा बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक हत्या सहित अन्य आपराधिक मामलों में अलग – अलग सजा भुगत रहे कालू को साल 2008 में जेल हुई थी और अगस्त माह में उसकी रिहाई होनी थी और इस बात को लेकर वो अपने परिजनों के सामने खुशी भी जता चुका था। लेकिन, बुधवार रात को अचानक उसने पजामे के नाड़े से फांसी लगा ली जिसके बाद प्रहरी ने उसे देखा और तुरंत उसे इलाज के लिए एम.वाय. अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक के परिजनों को आशंका है कि कालू सुसाइड नही कर सकता है और उसके साथ गलत हुआ है या फिर किसी ने उसके साथ मारपीट कर उसे मौत के घाट उतार दिया होगा हत्या। मृतक कालू के भाई रवि ने बताया कि सुबह उसके सेंट्रल जेल से फोन आया था कि आपके भाई ने फांसी लगा ली है तो आप एम.वाय. पहुंच जाओ। वही उसके भाई की मौत की वजह सामने नही आई है जबकि दो दिन पहले ही उसके भाई ने अच्छे से बात की थी इतना नही बहनों और माँ से भी उसने बात की थी। इस दौरान उसके भाई ने सभी को बताया उसे जेल में 14 साल पूरे हो चुके है और वो अगस्त तक छूट जाएगा। वही मृतक के भाई रवि ने आशंका जताई और कहा कि जेल में उसके भाई के साथ मे रात में क्या हुआ क्या नही हुआ इसकी खबर नही है। उसके साथ मारपीट हुई या फिर और कुछ इसकी जानकारी सामने नही आई है।
इधर, जेल प्रशासन की ओर से सहायक जेल अधीक्षक मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि दंडित बंदी कालू उर्फ ललित पिता श्यामलाल के पास से एक हफ्ते पहले तम्बाकू जब्त की गई थी जिसके बाद वो उसे एकांत में सेल में रख दिया गया था। जहां उसने दरवाजे से लटककर आत्महत्या का प्रयास किया। उस वक्त ड्यूटी दे रहे प्रहरी ने उसे उतार करके तुरंत एम.वाय. अस्पताल भिजवाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वही सहायक जेल अधीक्षक मिश्रा ने बताया कि आत्महत्या की वजह तो सामने नही आई है लेकिन मृतक बंदी की मुलाकात महीनों तक नही आती थी। वही उन्होंने बताया कि बंदी डबल आजीवन सजा भुगत रहा था। फिलहाल, इस मामले में अब तक वजह सामने नही आई है वही एम.जी.रोड़ पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मृतक के शव को पीएम के लिए भेज दिया है।
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Amit Sengar
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वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”