ग्वालियर से दुनियाभर में फैलाई जा रही थी अश्लीलता, इंदौर सायबर सेल ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे

देश दुनिया में चल रहे ओटीटी प्लेटफार्म (ott platform) को देखकर खुद का ओटीटी प्लेटफार्म शुरू करने का आइडिया एक शख्स को इतना भारी पड़ गया की वो अब सलाखों के पीछे पहुंच गया है।

दरअसल, आरोपियो में एक आरोपी राऊ के एलकेसीडी कॉलेज से बीई की डिग्री हासिल कर चुका है और एक वेबसाइट पर कई वर्षों तक काम भी कर चुका हैं । इस अनुभव के दौरान उसने बेवसाइट डिजाइनिंग व एप्लिकेशन डिजाइनर का काम सीख लिया था। इसके बाद freelancer website के माध्यम से जुड़े आरोपियो ने पाकिस्तान के युवक हुसैन अली और उसके सहयोग से अपनी खुद की नीयो मूवीज अपने ओटीटी प्लेटफार्म पर शुरू कर दी।

वही प्लेटफार्म पर मूवीज बनाने में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए ओटीटी प्लेटफार्म में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए भी आरोपी पाकिस्तान के हुसैन अली की मदद ले रहा थे। इसके एवज में फेनियो मूवीज के मैनटेनेंस के नाम पर पाकिस्तान के हुसैन अली को हर माह 30 से 40 हजार रुपए की मोटी रकम देते थे जो पाकिस्तानी करंसी के हिसाब से 60 से 80 हजार रुपए महीना होता है। फेनियो मूवीज मध्यप्रदेश के ग्वालियर से संचालित हो रही थी और उसके कर्ता धर्ता दीपक सैनी और केशव सिंह को सोमवार शाम को गिरफ्तार किया गया है ।

दरअसल, ये पूरा मामला इंदौर में 25 जुलाई को एक युवती की शिकायत के बाद हुई तफ्तीश के दौरान सामने आया है। जिसमे 4 लोग पहले ही गिरफ्तार हो चुके है। इनकी पूरी गैंग अश्लील वीडियो (porn video) बनाने का काम करती थी और मॉडल युवती की शिकायत के बाद सक्रिय हुई सायबर सेल की टीम ने पाया कि फेनियो मूवी पर अपलोड किये गए वीडियो 32 एडल्ट साइट पर चलते थे और अब तक 80 से ज्यादा अश्लील वीडियो अपलोड किए जा चुके थे।

पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर सेल इंदौर जितेन्द्र सिंह ने बताया की इस मामले में सायबर पुलिस की जांच जारी है। वही पुलिस को ये भी पता चला हैं कि फेनियो मूवीज का कामकाज अमेरीका, कनाडा, टर्की, कूवैत इंण्डोनेशिया, मलेशिया सहित लगभग 22 अन्य देशों में फैला हैं।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि राजेश बजाज उर्फ राज गुर्जर, अशोक सिंह एवं विजयानंद पाण्डेय के तार ओटीटी प्लेटफार्म Ullu, Flizmovies के साथ जुड़े है और ये अब तक लव इन, लाकडाउन, माया, फ्रेण्डशीप एवं शांताबाई सहित अन्य मूवीज बना चुके है। फिलहाल सायबर सेल इनके पूरे नेटवर्क से जुड़े हर शख्स की तलाश में है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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