इंदौर में आज ऐसे दृश्य सामने आए जिसे देखकर हर कोई हैरान है। नगर पालिक निगम के अपर आयुक्त महेंद्र सिंह चौहान जो कि अब तक एक सिंघम के रूप में दहाड़ते थे और कई बड़े अवैध प्रोजेक्ट को हटाने के उनकी मौजूदगी ही नहीं सिर्फ नाम काफी था लेकिन आज अचानक ऐसा कुछ हुआ कि अपर आयुक्त का सिंघम अवतार अब सिर्फ इतिहास माना जा रहा है। सिंघम के नाम से मशहूर हो चुके निगम अपर आयुक्त को आज स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के समर्थकों ने जमीन दिखा दी।
बता दे कि 15 साल बाद बड़ी धूमधाम से जन्मदिन का जश्न मना रहे मंत्री तुलसी सिलावट के समर्थकों ने आज निगम कार्रवाई के दौरान निगम उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान पर गुस्सा उतार दिया। निगम की टीम ने मंत्री सिलावट के रेसीडेंसी स्थित आवास के आस पास जन्मदिवस की बधाई के होर्डिंग्स और बैनर को हटा दिया। जिसकी कवायद कल से की जा रही थी, लेकिन मंत्री समर्थकों का गुस्सा उस वक्त सातवें आसमान पर पहुंच गया जिस वक्त निगमायुक्त में आदेश के बाद निगम की टीम रेसीडेंसी क्षेत्र में कार्रवाई कर रही थी। इसी दौरान समर्थकों और निगम के सिंघम के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ और समर्थक ने कहा कि हम बीते 6 दिन से पोस्टर और बैनर के लिए निगम से अनुमति के लिए आवेदन कर रहे थे लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी।
इस बात पर उपायुक्त ने कहा कि सेट पर बैनर हटाने का संदेश दिया गया। इसी बीच एक बुलेट आकर मौके पर रुकती है और मंत्री समर्थक सीधे निगम उपायुक्त को निशाना बनाकर गुस्सा उतारने की फिराक में थे फिर क्या निगम के सिंघम भी अपने कदम पीछे की ओर बढ़ाने लगे। वही समर्थक कैमरे बन्द करने का भी बोलने लगे। समर्थकों की मंशा और इरादों को उनके अचानक किये जा रहे प्रयासों से समझा जा सकता है। लेकिन ये पहली दफा हुआ कि सिंघम बैकफुट पर चले गए, क्योंकि उन्हें मालूम था कि कार्रवाई उन पोस्टरों पर की जा रही है जिस पर मंत्री जी की तस्वीर चस्पा है। हालांकि प्रदेश के सीएम ने खुद के होर्डिंग्स और बैनरों को लेकर पहले ही साफ कर दिया था कि अवैध तरीके से लगे पोस्टरों को हटाया जाएगा फिर तस्वीर मेरी ही क्यों ना हो लेकिन इस बात की जानकारी मंत्री सिलावट को तो थी लेकिन उनके समर्थक तो बस अपनी खुशी जाहिर करने का मौका नही छोड़ना चाहते थे भले ही फरमान सीएम का ही क्यों ना हो और भले ही उनके सामने सिंघम क्यों ना हो ?