Operation Clean : गांधी जयंती पर इन्दौर महिला पुलिस की नई पहल, सार्वजानिक शौचालय से हटाए गए अश्लील कॉमेंट्स और नंबर

Amit Sengar
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Indore Operation Clean : तस्वीरों में शौचालय में एक साथ इतनी संख्या मे महिला पुलिसकर्मी देखकर आप ये ना सोचे की किसी घटना के सम्बंध में तफ्तीश करने टीम यहाँ आई है। दरअसल 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर महिला पुलिस बल एक साथ सार्वजनिक शौचालय में पहुंच गया लेकिन यह प्रदेश में पहली बार ” ऑपरेशन क्लीन” के तहत यह महिला थानों द्वारा एक नई मुहिम छेड़ी गई है। जिसमें सार्वजनिक शौचायलयों में लिखे हुए किसी भी मोबाइल नंबर और अश्लील और भद्दे कॉमेंट्स को हटाया जा रहा है।

महिला पुलिस की नई मुहिम

महिला थाने में बतौर थाना प्रभारी प्रीति तिवारी ने शुरू की गई मुहिम को लेकर कहा कि भारत का सबसे साफ सुथरा शहर इंदौर जिसको 6 मर्तबा सफाई में नम्बर एक मिला है लेकिन सार्वजनिक शौचालय में लिखे हुए आपत्तिजनक और शर्मसार कर देने वाले कमेंट स्लोगन लिखे होते हैं। महिला थाना द्वारा एक नई मुहिम शुरू की गई है जिसमें सार्वजनिक शौचालय और कई ऐसी जगह जहां पर या तो आपत्तिजनक शब्द लिखे होते हैं और या किसी का मोबाइल नंबर लिख दिया जाता है या फिर किसी के नाम सहित उसके नीचे कुछ शायरियां लिख दी जाती है जो कि कुछ मंदबुद्धियों द्वारा यह कृत किया जाता है। ऐसे में लिखे हुए नम्बर परेशान का कारण बनते है। बस इसी परेशानी को दूर करने का बीड़ा उठाते हुए मुहिम शुरू की गई है।

सोमवार को इंदौर महिला पुलिस द्वारा ऐसे ही एक नई मुहिम की शुरुआत की गई जिसका नाम ऑपरेशन क्लीन रखा गया जहां सार्वजनिक स्थान पर लिखे हुए अश्लील कमेंट को पुलिस द्वारा ऑयल पेंट की सहायता से हटाया जा रहा है और यह शहर में सतत चलता रहेगा जिससे कि सार्वजनिक स्थान भी साफ दिखाई दे। इंदौर शहर की छवि किसी तरह से धूमिल ना हो।

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महिला थाना प्रभारी ने शुरू की गई मुहिम को लेकर मीडिया से यह भी कहा कि स्वच्छता में नंबर वन शहर इंदौर जब बाहर से इतना साफ सुथरा है तो इस मुहिम के जरिए मुकम्मल सफाई करने की एक पहल है।
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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