फर्जी तौर पर पुलिसकर्मी और पत्रकार बनकर वसूली करने वाले 2 गिरफ्तार

Amit Sengar
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। इंदौर (indore) और भोपाल क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में दो ऐसे आरोपी गिरफ्त में आये है, जो कभी फर्जी पत्रकार तो कभी फर्जी पुलिसकर्मी बनकर नकबजनी की घटना को अंजाम देते थे। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने करीब एक दर्जन नकबजनी की वारदात को कबूला है।

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दरअसल, क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि इंदौर में रहने वाले दो भाई शाहरुख मंसूरी और जुबेर मंसूरी खुद को पत्रकार और पुलिसकर्मी बताते हैं और नकबजनी की वारदात को अंजाम देते है। सूचना की तस्दीक करने के बाद क्राइम ब्रांच द्वारा दोनों आरोपियों की तलाश की गई तो दोनों भाईयो की लोकेशन भोपाल पाई गई। जिसके बाद इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा भोपाल क्राइम ब्रांच को इसकी सूचना दी गई इसके बाद भोपाल क्राइम ब्रांच में दोनों आरोपियों को पकड़ा और पूछताछ की तो दोनों ने एक दर्जन नकबजनी की वारदात को अंजाम देना कबूल किया।

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बताया जा रहा है कि आरोपी जुबेर मंसूरी, पुलिस अधिकारी की वर्दी पहन कर लोगों पर रौब झाड़ता था और उसका भाई शाहरुख मंसूरी अपने आप को पत्रकार बताता था यह दोनों भाई मिलकर भोपाल ने रैकी कर नकबजनी की वारदात को अंजाम देते थे और चोरी का माल इंदौर में लाकर बेचते थे। पकड़े गए आरोपियों से लाखों रुपए का चोरी का माल और पुलिस की वर्दी, प्रेस कार्ड बरामद किया गया है। क्राइम ब्रांच इंदौर के डीसीपी निमिष अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है और नकबजनी के कई मामलों के खुलासे की संभावना है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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