इंदौर, आकाश धोलपुरे। रंगपंचमी उत्सव मनाने की रियासतकालीन परंपरा “गेर” इस बार दो साल केबाद फिर निकाली जाएगी। रंगपंचमी 22 मार्च को इंदौर आसमान रंगबिरंगे रंगों से सरबोर होकर इंद्रधनुषी छटा बिखेरेगा। “गेर” के रंगारंग कारवां में जमीन से लेकर आसमान तक रंग ही रंग नजर आएंगे। गेर की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए जिला प्रशासन के आला अधिकारी वरिष्ठ जन प्रतिनिधि ने “गेर” के रुट का निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश दिए।
विश्वप्रसिद्ध रंगारंग “गेर” का आयोजन दो साल बाद फिर से इंदौर में होने जा रहा है। 2 साल पहले 14 मार्च को निकाली गई इंदौर की पहचान “गेर” को यूनेस्को की टीम ने भी निहारा था। देश में इंदौर ही एकमात्र ऐसा शहर है जहां बड़े स्तर पर “गेर” निकाली जाती है और “गेर” में शामिल लाखों लोगों की भीड़ जब हृदय स्थल राजबाड़ा पहुंचती है तो दृश्य देखने लायक होता है।
हालांकि, होलकरकालीन परंपरा को कभी बंद नहीं किया गया लेकिन पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण मचे कोहराम के चलते “गेर” नहीं निकाली गई थी जिसके बाद इस वर्ष प्रशासन ने इस वर्ष निर्णय लिया है कि एक बार फिर इंदौर की परंपरा को जीवंत किया जाएगा ताकि दुगुने उत्साह के साथ शहरवासी रंगपंचमी पर्व को धूमधाम से मना सके। इसी के चलते पिछले 3 दिनों से “गेर” मार्ग को लेकर बहस छिड़ी थी कि क्या पहले के ही तरह इस बार भी “गेर” निकाली जाएगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने एक दिन पहले ही साफ कर दिया था कि जहां तक संभव हो सकेगा “गेर” अपने परंपरागत मार्ग से ही निकलेगी।
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वही बुधवार को इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, पूर्व महापौर मालिनी गौड़, वरिष्ठ समाजसेवी कमलेश खंडेलवाल और पुलिस अधिकारियों ने “गेर” मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान ये बात सामने आई कि खजूरी बाजार क्षेत्र में खुदी पड़ी सड़क थोड़ा व्यवधान पैदा कर सकती है ऐसे में निगमायुक्त ने जल्द ही मार्ग को समतल करने का आश्वासन दिया जिसके बाद ये माना जा सकता है मामूली परिवर्तन के साथ परम्परागत “गेर” निकाली जाएगी।
बता दें कि हर वर्ष “गेर” कैलाश मार्ग से शुरू होती है जो दलिया पट्टी, टोरी कार्नर, एमजी रोड, खजूरी बाजार, राजवाड़ा, इमामबाड़ा बड़ा, सराफा, सराफा बाज़ार, शीतलामाता बाजार, हुकूम चंद मार्ग होते हुए मल्हारगंज पहुंचती है। वही इस वर्ष भी इसी मार्ग “गेर” निकाली जाएगी लेकिन मामूली से मार्ग परिवर्तन के साथ जिसके बारे में निगमायुक्त ने जानकारी दी है। इस बार भी टोरी कॉर्नर रंगपंचमी महोत्सव समिति, रसिया कॉर्नर, संगम कॉर्नर चल समारोह, मॉरल क्लब के अलावा हिंद रक्षक संगठन और माधव फाग यात्रा निकालेगी। जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल होंगे।
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“गेर” के रंगारंग कारवां में जमीन से लेकर आसमान तक रंग ही रंग नजर आएंगे साथ ही “गेर” में हाथी, घोड़ों और बग्गियों के साथ आदिवासी नर्तकों की टोली दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहेगी। टैंकरों के जरिये रंगों की बौछार, मिसाइल के जरिए भीड़ पर फेंका जाएगा इसके अलावा टेसू के फूलों से बने रंगों को भी आसमान में उड़ाया जाएगा।
इस वर्ष 22 मार्च को रंगपंचमी है और इसी के चलते निगम व प्रशासन की तैयारियां शुरू हो चुकी है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि “गेर” मार्ग यथावत रहेगा। अभी 15 से 20 दिन का अभी समय है लिहाजा निगम पूरी तैयारी कर लेगा ताकि “गेर” में शामिल होने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो।