Indore News: इंदौर नगर निगम में 150 करोड़ रुपये के बिल फर्जी घोटाला मामले में बड़ी अपडेट सामने आई है। एमजी रोड पुलिस ने स्कैम में आरोपित संयुक्त संचालक अनिल कुमार गर्ग को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पुलिस पुलिस ने शुक्रवार को ऑडिट शाखा से जुड़े दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। पिछले दो दिनों में तीन आरोपियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। वहीं अब तक 11 आरोपी पुलिस के शिकंजे में आ चुके हैं।
शुक्रवार को पुलिस ने इन दो आरोपियों को किया था गिरफ्तार
शुक्रवार को पुलिस ने ऑडिट ब्रांच में डिप्टी डायरेक्टर पद पर कार्यरत समर सिंह परमार और असिस्टेंट ऑडिटर पद पर कार्यरत रामेश्वर परमार को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से पूछताछ जारी है। जांच से दौरान कई नए खुलासे हो सकते हैं।
नगर निगम के इंजीनियर अभय राठौर को पुलिस रिमांड में हैं। दोबारा पूछताछ के बाद ऑडिट अधिकारी समर सिंह परमार और रामेश्वर परमार के नाम सामने आए। समर सिंह भोपाल के सतपुड़ा भवन की स्थानीय निधि समपरीक्षा प्रकोष्ठ में पोस्ट संचालक के पद पर कार्यरत हैं। जबकि रामेश्वर परमार तिरुपति के निवासी हैं और वर्तमान में इंदौर नगर निगम के स्थानीय निधि समपरीक्षा में डिप्टी डायरेक्टर ऑडिट के पद पर कार्यरत हैं।
क्या है मामला?
इंदौर नगर निगम में गलत तरीके से फ़ाइलों को हेरफेर करने का मामला सामने आया। करीब 150 करोड़ रुपये का बिल घोटाला फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसमें कई कर्मचारी और अधिकारी आरोपी पाए गए। शासन ने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। जांच के निगमायुक्त शिवम वर्मा द्वारा जांच कमेटी का गठन किया गया है।
जांच के दौरान घोटाले में ऑडिट विभाग के अधिकारियों की भूमिका की बात सामने आई। जिसके बाद विभाग के कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। जिसमें अनिल कुमार गर्ग के साथ-साथ डिप्टी डायरेक्टर समर सिंह, सहायक ऑडिटर रामेश्वर परमार और वरिष्ठ जेएस ओहरिया शामिल हैं। अनिल कुमार गर्ग, समर सिंह और रामेश्वर परमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।