Indore News : इंदौर की विशेष सीबीआई अदालत ने शासन को 16 करोड़ से अधिक की राजस्व हानि पहुंचाने का दोषी मानते हुए सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम इंदौर के तीन अधिकारियों को चार – चार वर्ष के कारावास और दस-दस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में पाया गया था कि कंपनी ने करोड़ों का निर्मित कॉटन विदेश में निर्यात दर्शाकर कर स्थानीय बाजार में बगैर कर चुकाए विक्रय किया। इन तीनों निरीक्षक ने अपने निगरानी कर्तव्यों का पालन नहीं करते हुए इसे रोकने की जगह आपराधिक षडयंत्र, दुराचार, अवैधानिक लाभ अर्जित किया था।
2003 से 2006 तक इंदौर में पदस्थ रहे थे तीनों निरीक्षक
जानकारी अनुसार सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम ने इंदौर क्षेत्र में 2003 से 2006 तक पदस्थ रहे निरीक्षक आशुतोष नाथ, मनोज चंद्रवंशी और कृष्णगोपाल शर्मा को इंदौर की विशेष सीबीआई अदालत ने यह सजा दी। दरअसल तीनों ने खरगोन की “मैकाल फाइक्स लिमिटेड” की इकाई के मैनेजिंग डायरेक्टर मृगेंद्र जालान, डायरेक्टर दीपक नागर, असिस्टेंट मैनेजर अभिजीत सेन और राजीव दत्ता, ऑफिसर बसंतीलाल श्रीवास्तव के साथ सांठगांठ करते हुए उनसे अनैतिक लाभ अर्जित किया।
2007 में दर्ज हुआ प्रकरण, 2009 में आरोप पत्र और सजा
इस मामले में सीबीआई ने 3 अक्टूबर 2007 को प्रकरण दर्ज किया था और 30 नवंबर 2009 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने इन तीनों निरीक्षकों समेत कंपनी के 5 अधिकारियों सहित आठ आरोपियों को चार चार वर्ष के कारावास और दस- दस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।