गरबा में शामिल हुए कैलाश विजयवर्गीय, बोले-“बंटोगे तो कटोगे” 25 साल बाद हमारे बच्चों को बहुत खतरा

हमारे धर्म, हमारी परंपरा, हमारी आध्यात्मिक शक्ति, हमारे धर्म गुरु और हमारे धर्म ग्रंथ विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं। कट्टरवाद ने युद्ध के माध्यम से अशांति फैला रखी है और विश्व को अगर शांति का मार्ग कोई दिखा सकता है तो वो भारत है।

Kailash Vijayvargiya Garba

Kailash Vijayvargiya participated in Garba: मध्य प्रदेश में भी गरबा की धूम है, बड़े शहरों से लेकर नगरों तक गरबा डांडिया के पंडाल सजे हुए है, आयोजनों में मंत्रियों से लेकर सेलेब्रटी तक शामिल हो रहे हैं, इसी क्रम में  मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के फेमस सादगी गरबा में शामिल हुए, यहाँ उन्होंने एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया है।

गार्डन में ढोल की थाप पर गरबा करते लोगों के बीच कैलाश विजयवर्गीय ने माइक संभाला और एक बार फिर अपने अंदाज में ही बात की, कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर के सादगी गरबा में कहा- मैं फिर कह रहा हूँ आने वाले 25 साल बाद हमारे बच्चों के लिए बहुत खतरा है। जिस प्रकार देश की डेमोग्राफी बदल रही है और जिस प्रकार कुछ राजनीतिक दल तुष्टिकरण की नीति के कारण देश में अशांति फैलाने वाले लोगों को संरक्षण दे रहे हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम सनातन धर्म के साथ चले।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा-  Yogi Ji ने सही कहा है “बंटोगे तो कटोगे”

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा-  योगी जी ने सही कहा है “बंटोगे तो कटोगे” और हरियाणा की जनता ने बता दिया… नहीं बंटेंगे। इसलिए आप सब से भी निवेदन है.. विचारें गंभीरता के साथ, विचार करें, चिंतन करें। हमारे धर्म, हमारी परंपरा, हमारी आध्यात्मिक शक्ति, हमारे धर्म गुरु और हमारे धर्म ग्रंथ विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं। कट्टरवाद ने युद्ध के माध्यम से अशांति फैला रखी है और विश्व को अगर शांति का मार्ग कोई दिखा सकता है तो वो भारत है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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