इंदौर, डेस्क रिपोर्ट।मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लोकायुक्त ने एक बार फिर भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई की है। इंदौर लोकायुक्त पुलिस (Indore Lokayukt Police)ने एक और रिश्वतखोर अधिकारी को 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इस काम में रिश्वत के रूपए अपने पास रखने वाली महिला क्लर्क को भी पुलिस ने आरोपी बनाया और रिश्वत के 25 हजार रूपए आरोपियों से जब्त किये है।
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इंदौर की लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) में जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना और क्लर्क हिमाली वैध को गवर्नमेंट सिविल कॉन्ट्रेक्टर से 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। दरअसल, इंदौर की बिजासन टेकरी पर पिछले 3 सालो से उद्यान विकास का काम चल रहा है। इस काम का ठेका नगर निगम ने रूद्र कंस्ट्रक्शन के धीरेन्द्र चौबे को दिया था।
उद्यान का काम पूरा हो गया था जिसमे 9.50 हजार का अंतिम बिल का भुगतान नगर निगम को करना था। जिसमे जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना ने बिल का भुगतान करने के एवज में बिल का 3% मतलब 25000 की रिश्वत मांगी थी जिसके बाद फरियादी धीरेन्द्र ने पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त एसपी (Indore Lokayukt SP) को की। शिकायत के बाद आज जब फरियादी रिश्वत की राशि नगर निगम में विजय सक्सेना को देने पहुंचा तो उस राशि को विजय ने महिला क्लर्क हिमाली वैध को दी।
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जैसे ही नगद राशि क्लर्क ने अलमारी में जैसे ही रखी वैसे ही लोकायुक्त की टीम पहुंच गई और दोनों को रंगे हाथो गिरफ्तार कर लिया और 25000 रिश्वत की राशि भी जब्त की है। लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि दोनों अधिकारियो पर लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 7 ,13(1)B, 13 (2), 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है।