Indore News : गेर में शामिल हुए सीएम डॉ मोहन यादव, बोले- “अयोध्या से अरब तक भगवान की जय जयकार हो रही है”

Atul Saxena
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CM Dr. Mohan Yadav Indore Ger

Indore News : रंगपंचमी पर हर साल दशकों से मालवा में निकाली जाने वाली “गेर” इस साल भी धूमधाम से निकाली गई, अलग अलग टोलियों में निकले युवाओं का हुजूम सुबह से ही इंदौर की सड़कों पर दिखाई देने लगा, आसमान में उड़ता रंग बिरंगे गुलाल ने माहौल को रंगों से भर दिया, इंदौर की गेर में शामिल होने एक बार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी पहुंचे।

इंदौर गेर महोत्सव में शामिल हुए सीएम डॉ मोहन यादव 

पिछले 75 वर्षों से निभाई जाने वाली गेर परंपरा को आज भी उतने ही हर्षोल्लास से निभाया गया, इंदौर के ह्रदय स्थल राजवाड़े पर मालवांचल के आसपास से गेर टोलियाँ जुटी और जमकर मस्ती धमाल किया, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी इंदौरवासियों के साथ रंगपंचमी मनाई वे करीब 1 घंटे तक गेर में शामिल रहे।

“अयोध्या से लेकर अरब तक भगवान की जय जयकार हो रही है”

गेर में शामिल लोगों की संबोधित करते हुए सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि इस बार को होली और रंगपंचमी, गेर बहुत अलग है पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति की पताका दुनिया में फहरा रही है,  अयोध्या से लेकर अरब तक भगवान की जय जयकार हो रही है दुनिया देख रही है बढ़ता हुआ भारत,  उन्होंने कहा कि सारे रंगों में एक रंग है वो है मानवता का, संस्कृति का रंग है, इसलिए हम दुनिया में हिन्दू सस्कृति के नाम से जाने जाते हैं ये होली के बाद का गेर है, इसका नाम गेर है लेकिन ये अपना बनाने की परंपरा है।

गेर सभ्य है, मूलतः ये अपना बनाने की टोली है : मुख्यमंत्री 

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर की 75 साल पुरानी परम्परा है ये, मैं रंगपंचमी की गेर में शामिल हुआ, ये मालवा की पुरानी परम्परा  है उज्जैन इंदौर में लोग खूब आनंद लेते हैं, उन्होंने कहा कि गेर सभ्य है, मूलतः ये अपना बनाने की टोली है, ये विजय की प्रतीक भी है आज के बाद पहले वाहिनियाँ निकलती थी, सभी अपने अपने निशान लेकर निकलते थे लोगों को स्नेह और प्यार बांटते थे जो अभी भी जारी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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