इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) से जुड़ी एक गायिका का हाल ही में एक ग़ज़ल एलबम बॉलीवुड की राजधानी मुंबई में रिलीज हुई है। दरअसल, भोपाल से अपने जीवन की शुरुआत कर मिनी मुंबई याने इंदौर से मुंबई तक का सफर करने वाली रक्षा श्रीवास्तव का पहला म्यूजिक वीडियो रिलीज हुआ है। इस म्यूजिक वीडियो को सोशल मीडिया पर सराहा जा रहा है।
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मंजिल ए – म्यूजिकल जर्नी “अगर आपको” नाम से मुंबई में रिलीज हुए म्यूजिक वीडियो में रक्षा ने ना सिर्फ अपनी सुरीली आवाज से कमाल किया बल्कि अपनी एक्टिंग के हुनर को भी दुनिया के सामने रखा। हरिहरण के साथ सिंगर रक्षा श्रीवास्तव के डेब्यू अल्बम “मंज़िल – ए म्यूजिकल जर्नी” को टी सीरीज ने लांच किया है। डेब्यू अल्बम “मंज़िल – ए म्यूजिकल जर्नी” 8 गज़ले है। जिसको उम्दा शायरी और बेहतरीन मेलोडियस म्युज़िक से सजाया गया है। इस एल्बम में रक्षा श्रीवास्तव की 6 सोलो गज़लें हैं, एक ग़ज़ल हरिहरन और रक्षा श्रीवास्तव की डुएट है वही एक ग़ज़ल हरिहरन की सोलो है।
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बता दे कि रक्षा श्रीवास्तव के सिंगर बनने की कहानी भी किसी फिल्मी सिचुएशन की तरह है। बचपन से ही गाने का बहुत शौक़ रखने वाली रक्षा के परिवार का दूर – दूर तक म्यूज़िक से कोई नाता नहीं था। पिता पुलिस अधिकारी थे और घर में संगीत का बिल्कुल माहौल नहीं था इस वजह से उन्हें संगीत सीखने का मौका नहीं मिला। पढ़ाई लिखाई में काफी तेज रक्षा से परिवार वालों की उम्मीदें आईएएस, आईपीएस अधिकारी बनने की थी। जब बहुत ज़िद करने पर भी उन्हें गाना सीखने का चांस नहीं मिला तब भोपाल में रहने वाली रक्षा ने कॉलेज में एक सबजेक्ट ही म्यूज़िक ले लिया। धीरे धीरे संगीत सीखना शुरू किया और नैसर्गिक प्रतिभा होने के कारण जल्द तरक्की करने लगी। तभी से उनकी ग़ज़लों में रुचि जगी।
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उस्ताद सरवत हुसैन खान से तालीम ली। रक्षा की उर्दू ज़बान पर पकड़ होने और साहित्य में रुचि से गायकी को भी बल मिला लेकिन भाग्य ने फिर करवट ली, जब ट्रांसफर होकर वह इंदौर रहने आयी, तब इंदौर में ग़ज़लों का माहौल नहीं के बराबर था। काफ़ी प्रयास के बावजूद संगीत छूटने लगा और रक्षा को करियर का दूसरा ऑप्शन यानी मीडिया देखना पड़ा। आकर्षक व्यक्तित्व, तेज़ दिमाग़, मेहनती और जल्द सीखने के हुनर की वजह से रक्षा को मीडिया में भी सफलता मिली। 15 साल तक वो मध्यप्रदेश की वरिष्ठ पत्रकार रही पर दिल तो म्यूज़िक और ग़ज़ल से ही मोहब्बत करता था। 15 साल का वनवास काटते काटते कोविड का दौर आया। सब कुछ बंद पड़ा था, तब रक्षा के अंदर की चिंगारी भड़क उठी और एक दिन रक्षा ने वापस रियाज़ करना शुरू किया और अपने गाने सोशल मीडिया पर शेयर करने लगी।
संगीत जगत से जुड़े म्युज़िक कम्पोज़र राजीव महावीर ने जब रक्षा की आवाज़ सुनी, तो राजीव ने रक्षा को इंसपायर किया। तब रक्षा ने परिवार से बात की और परिवार ने साथ दिया और रक्षा ने सब कुछ छोड़कर संगीत का दामन थामने का फ़ैसला कर मुंबई जाने का फैसला किया। सबसे पहले रक्षा ने राजीव से अपने लिए गुरु माँगा इस तरह से कौशल महावीर ने रक्षा को सिखाना शुरू किया और मिट्टी असर दिखाने लगी। जल्द ही रियाज़ असर दिखाने लगा और रक्षा की लगातार आगे बढ़ती रही और राजीव ने हरिहरण के साथ अल्बम करने का फ़ैसला किया और रक्षा ने ख़ुद को कमरे में बंद करके रियाज़ जारी रखा और त्याग और मेहनत की मिसाल बन गयी। रक्षा श्रीवास्तव ने एम.पी.ब्रेकिंग न्यूज को बताया कि मेहनत और लगन के साथ कुछ करनें का जुनून उनको आज इस मुकाम पर लाया है।