लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में बिजली गुल होना चर्चा का विषय बना हुआ है। बीजेपी जहां इसे लेकर कांग्रेस को घेरने में लगी हुई है तो कांग्रेस इसे साजिश करार दे रही है।वही शुक्रवार को इंदौर में कांग्रेस की बैठक के दौरान अचानक लाइट चली गई, इससे कमलनाथ के मंत्री इतने नाराज हो गए कि उन्होंने इंजीनियर को ही निलंबित करवा दिया। चुनाव की तैयारियों से पहले बिजली मुद्दा बैठक में छाया रहा।जबकी हाल ही में सीएम कमलनाथ ने बिजली कटौती की शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव उर्जा से एक महीने की रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, शु्क्रवार को लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर इंदौर के गांधी भवन में कांग्रेस की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें शामिल होने कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी भी वहां पहुंचे। तभी अचानक बिजली गुल हो गई। आधा घंटे तक बिजली नहीं आई तो मंत्री जीतू पटवारी ने सीधे सीएमडी को फोन लगाया और पूछा कि आखिर बिजली कैसे गुल हो रही है। अफसर ने जवाब दिया कि एक फेस जाने के कारण ऐसा हुआ है।जिस पर नेताओं ने कहा कि जब प्रदेश में बिजली सरप्लस है तो फिर बिजली कटौती होना ही नहीं चाहिए। अफसरों से पूछो तो मेंटेनेंस का हवाला देते हैं।जिसके बाद अफसरों के हाथ पांव फूल गए और अफसरों ने इस बात को भी गंभीरता से लेते हुए एक इंजीनियर को निलंबित कर दिया।फिलहा मामले की जांच की जा रही है।हालांकि बैठक में पूरे समय बिजली गुल का मुद्दा छाया रहा।
सीएम कमलनाथ ने एक महिने में मांगी रिपोर्ट
हाल ही में सीएम कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती की शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव उर्जा से एक महीने की रिपोर्ट मांगी है।उन्होंने बिजली कंपनियों से भी जवाब माँगा है कि जब प्रदेश सरप्लस बिजली उपलब्ध है तो फिर कटौती क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगाया जाये कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतों क्यों आ रही है? क्या इसके पीछे कुछ साजिश-षड्यंत्र तो नहीं है? इसकी भी जांच की जाए।