इंदौर। लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने इंदौर सीट पर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। वर्तमान सांसद सुमित्रा महाजन (ताई) टिकट के लिए अड़ी हैं लेकिन पार्टी का रूख इस बार कुछ अलग है। हालांकि, ऐलान से पहले ही ताई ने पार्टी का प्रचार करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस विधायक के गृह क्षेत्र के वार्डों में बैठक ली। इस सीट पर कांग्रेस को विधासभा चुनाव में जीत हासिल हुई है। इस दौरान खेमेबाजी में बटी बीजेपी भी एकजुट नजर आई।
भाजपा का गढ़ माने जाने वाली इंदौर लोकसभा का पार्टी ने अब तक टिकट तय नहीं किया है। लोकसभा स्पीकर व आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन की उम्र को लेकर टिकट कटने की चर्चा और नए नामों की कवायदे लगाई जा रही हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि उसका महाजन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। दो माह से अधिक हो गया वह लगातार बैठकें ले रही हैं। पहले मंडलों की बैठकें ले लीं और अब वार्डों में जा रही हैं। इंदौर के 85 वार्डों में से 35 में अब तक बैठकें हो गई हैं।
इंदौर एक पर गुटबाजी चरम पर
इंदौर की एक नंबर सीट पर बीजेपी में लंबे समय से गुटबाजी हावी है। यही कारण रहा है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। एक गुट सुदर्शन गुप्ता का तो दूसरा गुट विरोधियों का हो गया था। पार्टी की गतिविधियों में उन्हें बुलाया भी नहीं जाता था। दूसरा खेमा अलग-थलग पड़ गया था, जो सीधे नगर भाजपा के संपर्क में था। विधानसभा हारने के बाद क्षेत्र का रुख बदला-बदला सा लग रहा है। दोनों टीमों के नेता एक जाजम पर दिख रहे हैं।