इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। शहरभर में जनसंपर्क के दौरान लोगो का प्यार बंटोरने वाले कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी संजय शुक्ला (sanjay shukla) करीब 1 लाख 33 हजार वोट से चुनाव हार गए है। वहीं अपनी इस हार के बावजूद अपने जनसेवा के जज्बे को बरकरार रखेंगे। हालांकि, पहले ही उन्होंने कई मंचो से कहा था कि वो हार जाए उसकी परवाह नही लेकिन जनता की सेवा वो हमेशा करते रहेंगे, और शहर के विकास में पुष्यमित्र भार्गव (महापौर) का हमेशा साथ देंगे।
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दरअसल, बड़ी और अप्रत्याशित हार के बाद मतगणना स्थल से बाहर निकले संजय शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरे से कोई गलती हुई होगी उसका ये मुझे सबक है। दरअसल, उनकी ही विधानसभा क्रमांक -1 में भी उन्हें हार मिली है और इसी बात पर उन्होंने साफ किया कि और मुझे अपनी विधानसभा को सुधारने का मौका मिला है क्योंकि ये मौका मुझे 2023 के चुनाव में मिलता तो मैं संभल नही पाता और हार जाता। वही परिणाम के जरिये मेरी जनता ने सीखा दिया कि मैंने क्या गलती की है उसे सुधारेंगे और आगे बढ़ेंगे।
वही पुष्यमित्र भार्गव के महापौर चुने जाने पर कांग्रेस विधायक और मेयर प्रत्याशी संजय शुक्ला ने कहा कि पुष्यमित्र भार्गव मेरे छोटे भाई हैउन्हें बधाई देता हूँ। उनको जहां मेरा सहयोग लगेगा मैं करने को तैयार हूं और जहां उन्होंने गलत किया उसका विरोध भी मैं करूंगा। क्योंकि जनता ने मुझे भी वोट किया और इंदौर का मैं विधायक हूँ। वही उन्होंने कहा कि इंदौर शहर मेरा अपना शहर है और उसके लिए मैं लड़ता रहूंगा। वही उन्होंने दावा किया कि 2023 याने एक साल में शहर के विकास के लिए बीजेपी ने कुछ नही किया इंदौर में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो जाएगा।
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फिलहाल, संजय शुक्ला हार से सबक लेकर अब आगे के राजनीतिक सफर को हार से सबक लेकर जनता के बीच पहुंचेंगे। फिलहाल, इंदौर में हार – जीत के अंतर के साथ संजय शुक्ला एक बार फिर तरोताजा एनर्जी के साथ अपनी राजनीति के काफिले को आगे बढ़ाने को तैयार है।