सतना।
गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इनमें जबलपुर का लाल अश्विनी कुमार भी शामिल था, जिसका शनिवार को बड़े ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस शहादत के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है और हर कोई ईंट का जवाब पत्थर से देने की बात कह रहा है। मोदी सरकार भी कड़े एक्शन ले रही है। इसी बीच इस दुख की घड़ी में मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ी ही राहत भरी खबर आई है ।इस हमले में सतना का एक जवान बाल बाल बच गया है, हालांकि उसे चोट आई है , लेकिन फिलहाल वो खतरे से बाहर है। इस घटना का खुलासा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो से हुआ है जिसमें जवान आपबीती सुना रहा है।
दरअसल, जवानों के जिस काफिले पर यह हमला हुआ उसमें सतना जिले के गोवराव गांव के निवासी नत्थूलाल चौधरी भी शामिल थे। वे पांच नंबर की बस में सवार थे, जब ब्लास्ट हुआ तो नत्थूलाल को मामूली चोट आई है। चौधरी सीआरपीएफ की 43वीं बटालियन में लांसनायक के रूप में पदस्थ हैं। वे भी सीआरपीएफ बटालियन के साथ सफर कर रहे थे। हमले के दौरान उनकी बस भी विस्फोट के दायरे में आ गई थी पर अन्य जवानों की अपेक्षा उनका भाग्य अच्छा रहा कि हमले के दायरे में आने के बाद भी बाल-बाल बच गए। हालांकि, वे घायल हैं और आर्मी के मेडिकल कैंप में उनका इलाज जारी है। अपने बेटे के जिंदा होने की खबर सुनने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है। परिवार की मानें तो नत्थू लाल को नाक, माथे और शरीर के अन्य हिस्सों में चोट आई है। चौधरी ने उन्हें व्हाटसऐप के माध्यम से अपनी फोटो और वीडियो भेजा है। इस तरह उन्होंने खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी। तब परिवार के सदस्यों ने राहत की सांस ली।
लांस नायक नत्थूलाल चौधरी करीब 6 साल से पुलवामा क्षेत्र में ही पदस्थ हैं। इस दौरान उन्होंने कई आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में भी शिरकत किया है। हमले के बाद भी उनका मनोबल कमजोर नहीं पड़ा है। वे हमले को धोखा बताते हैं? कहते हैं कि जब भी मौका मिलेगा, आतंकवादियों को मारने में पीछे नहीं हटेंगे। नत्थूलाल के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा रवि चौधरी गांव में ही रहकर खेती करता है। जबकि छोटा बेटा मंजू चौधरी बेंगलुरु में इंजीनियर है। नत्थू लाल की बात उनके दोनों बेटों से हो चुकी है।इस घटना का वीडियो और तस्वीर भी सामने आई है।यह वीडियो किसी जवान का ही बनाया हुआ है।