इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) में स्वाइन फ्लू को लेकर चिंताएं बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। दरअसल हाल ही में प्रतिष्ठित प्रोफेसर विजय बाबू गुप्ता के आकस्मिक निधन ने पूरे विश्वविद्यालय को झकझोर कर रख दिया है। जानकारी के अनुसार उनकी स्वाइन फ्लू (H1N1) की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार, उनकी मृत्यु का वास्तविक कारण स्वाइन फ्लू नहीं था, बल्कि अचानक हुए झटके (कन्वर्शन) थे।
वहीं इस दुखद घटना के बाद से ही कैंपस में संक्रमण को लेकर भय का माहौल बन गया है, क्योंकि कई अन्य स्टाफ सदस्य भी संक्रमण की आशंका के चलते आइसोलेशन में चले गए हैं। दरअसल स्वाइन फ्लू (H1N1) एक खतरनाक वायरस माना जाता है। ऐसे में इससे सचेत रहना बेहद जरूरी है।
एक सप्ताह से स्वाइन फ्लू से संक्रमित थे
दरअसल प्रोफेसर विजय बाबू गुप्ता की आकस्मिक मृत्यु ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) में स्वाइन फ्लू को लेकर दहशत और अफवाहों का माहौल बना दिया है। वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रोफेसर गुप्ता पिछले एक सप्ताह से स्वाइन फ्लू से संक्रमित थे और उनका इलाज चल रहा था। उनकी हालत में सुधार हो रहा था, और शनिवार शाम को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने वाली थी। लेकिन अचानक उनकी स्थिति बिगड़ गई और उन्हें झटके आने लगे, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के बाद बिगड़ी तबियत
जानकारी के अनुसार 23-24 अगस्त को DAVV में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के बाद प्रोफेसर गुप्ता की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी, जिसमें कई विदेशी मेहमान भी शामिल हुए थे। वहीं कॉन्फ्रेंस के बाद से ही उन्हें खांसी की समस्या शुरू हो गई थी। दरअसल 31 अगस्त को, घर पर दोपहर के भोजन के दौरान, जब उनका मोबाइल गिरा और उठाने के दौरान उन्हें अचानक जोरदार खांसी का दौरा पड़ा, जो लगातार बढ़ता गया। उनकी हालत गंभीर हो गई और उसी दिन उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
19 सितंबर को दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
दरअसल इस घटना के असर से DAVV कैंपस में 19 सितंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारियों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। बता दें कि इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होने वाली हैं। वहीं समारोह में बड़ी संख्या में छात्र, स्टाफ और विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे, जिससे स्वाइन फ्लू के संभावित प्रसार को देखते हुए सुरक्षा के कड़े उपाय किए जा रहे हैं।