इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर से ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर अच्छी खबर सामने आ रही है। कोविड संक्रमण से मचे हाहाकार के बीच म्यूकर माइकोसिस यानी कि ब्लैक फंगस की चुनौती प्रशासन और सरकारों को लिए कोरोना जैसी ही चुनौती बन गया है। इस खतरनाक और जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए मध्यप्रदेश प्रदेश का पहला अलग से वार्ड एम.वाय. अस्पताल में तैयार किया गया है। दावा ये भी किया जा रहा है ऐसा करने वाला इंदौर का एम.वाय.अस्पताल प्रदेश का ही नहीं बल्कि संभवतः देश का पहला ऐसा अस्पताल है जहां ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए 20 बेड का वार्ड अलग से तैयार किया गया हो। एम.वाय. में फिलहाल 15 भर्ती मरीज ब्लैक फंगस के लिए इलाजरत हैं वहीं बीते सोमवार को यहां दो लोगों की जान बचाने के लिए उनकी एक – एक आंख ऑपरेशन के जरिये निकाली गई है।
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बताया जा रहा है कि एम.वाय. अस्पताल की पांचवीं मंजिल पर वार्ड नम्बर 28 में ब्लैक फंगस के मरीजों को रखा जा रहा है और मरीजो के इलाज के लिये चार विभागों को जिम्मेदारी दी गई है क्योंकि म्यूकर मायकोसिस ऐसी बीमारी है कि इसमें किसी एक विशेषज्ञता वाले डॉक्टर से बात नहीं बनती बल्कि इसके इलाज के लिये ईएनटी, आई, न्यूरो और डेंटल सर्जन की भी मदद लेना पड़ती है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ श्वेता वालिया की माने तो कोविड के पहले ब्लैक फंगस के कई सालो में इक्का दुक्का मामले सामने आते थे लेकिन अब स्थितियां अलग है।
सरकार, प्रशासन और डॉक्टर्स ने की ब्लैक फंगस को लेकर बैठक लिया गया ये निर्णय
ब्लैक फंगस के इलाज के लिए प्रोटोकाल तैयार करने और कैसे उसका इलाज और बीमारी का निदान किया जाए इसे लेकर गुरुवार रात को इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने रेसीडेंसी कोठी बैठक ली। बैठक में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित शहर के सभी प्रमुख निजी हास्पिटल लोगों के संचालक डॉक्टर उपस्थित थे। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे और कलेक्टर मनीष सिंह भी मौजूद थे।
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बैठक में मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के बाद होने ब्लैक फंगस बीमारी की उचित चिकित्सा के लिए सरकार पूरी चिंता के साथ कार्य कर रही है। मंत्री सिलावट ने कहा कि अस्पतालों में इसके लिए पृथक से यूनिट गठित करने की आवश्यकता है। शासकीय अस्पतालों में ब्लैक फंगस बीमारी का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा।
बैठक में निर्णय लिया गया एम.वाय. और अन्य शासकीय अस्पतालों में अलग वार्ड में म्यूकर मायकोसिस से पीड़ितों का इलाज किया जाएगा। वहीं निजी अस्पतालों को भी कहा गया है कि वो अस्पतालों में म्यूकर वार्ड बनाये वहीं निजी अस्पतालों में जल्द ही आयुष्मान कार्ड के जरिये 3 से 4 अस्पतालों को चिह्नित किया जाएगा। बैठक में उपस्थित अरविंदो अस्पताल के संचालक डॉ. विनोद भंडारी ने कहा कि मंत्री श्री सिलावट से चर्चा के उपरांत उनके हास्पिटल में इस बीमारी के उपचार के लिए 10 बेड आरक्षित कर दिए गए हैं।
चूंकि इस बीमारी का इलाज महंगा होता है इस लिहाज से आर्थिक रूप से संपन्न लोगो के लिए भी कुछ अस्पतालों को तैयार करने के लिये कहा गया है।