इंदौर।
प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाईल मानी जाने वाली इंदौर लोकसभा सीट पर अबतक बीजेपी उम्मीदवार तय नही कर पाई है।लोकसभा स्पीकर और वर्तमान सांसद सुमित्रा महाजन के पीछे हटने के कारण भाजपा में जबरदस्त उम्मीदवार को लेकर मंथन किया जा रहा है। एक तरफ जहां महाराष्ट्रीयन समाज ताई या फिर उनके बेटे को टिकट देने की मांग कर रही है वही विधायक रमेश मेंदोला के पीछे हटने से एक बार फिर वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का नाम चर्चाओं में आ गया है। सुत्रों की माने तो पार्टी कैलाश के नाम पर विचार कर रही है।
दरअसल, बीजेपी ने अबतक 21 सीटों पर नामों का ऐलान कर दिया है, लेकिन इंदौर, भोपाल और विदिशा जैसे आठ सीटों पर नाम फायनल नही कर पाई है। उम्मीदवारों को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक तेजी से मंथन किया जा रहा है। मंगलवार को शिवराज उम्मीदवारों का नाम लेकर दिल्ली पहुंचे थे, और अब भी वही डेरा डाले हुए है। अगर इंदौर लोकसभा सीट की बात करे तो ताई के पीछे हटने से समाज मे नाराजगी व्याप्त हो गई है, समाज ताई या फिर उनकी जगह बेटे मंदार को टिकट देने की मांग कर रहा है वही दूसरी तरफ अब तक तेजी से अपनी दावेदारी ठोक रहे बीजेपी विधायक और कैलाश विजयवर्गीय के खास माने जाने वाले रमेश मेंदोला ने पैर पीछे कर लिए है। मेंदोला ने अब चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है, मेदोला का कहना है कि मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा पार्टी ने मुझे जिताने की जिम्मेदारी दी है वहीं निभाऊंगा। जिसके बाद एक बार फिर कैलाश का नाम तेजी से आगे बढ़ गया है। कयास लगाए जा रहे है कि पार्टी कैलाश पर दांव लगा सकती है। उधर कैलाश के कद के सामने कांग्रेस भी अपने बड़े कद के नेता को चुनाव लड़ाने की जुगत में लग गई है। कमलनाथ सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कैलाश को टक्कर ज्योतिरादित्य सिंधिया ही दे सकते हैं गुना में वो जिसको बोलेंगे वो चुनाव जीत जाएगा।
इन कारणों से कैलाश को उम्मीदवार बना सकती है बीजेपी
-वरिष्ठ और पापुलर नेता
-चुनावी रणनीति में कौशल और परिपक्व
-1989 के बाद तीन बार विधानसभा बदलकर चुनाव जीते।
-सीट छोड़ी तो बेटे को जिताने में हुए कामयाब
-शहर और ग्रामीण क्षेत्र में मजबूत पकड़।
-देपालपुर, गौतमपुरा, सांवेर तक कार्यकर्ताओं का नेटवर्क।
दौड़ में इन नेताओं क नाम शामिल
वही महापौर मालिनी गौड़ का भी नाम इस दौड़ में शामिल है। वही ताई की पसंद सिंधी वोट साधने के लिए शंकर लालवानी नाम पर विचार किया जा रहा है। हालांकि मराठी वोट को देखते हुए पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे के अलावा नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा, रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर और सुदर्शन गुप्ता के नाम पर भी मंथन किया जा रहा है।