Indore Metro: स्मार्ट से मेट्रो सिटी बनी इंदौर, टू व्हीलर से भी सस्ता होगा सफर, मिलेगी ये सुविधाएं

Diksha Bhanupriy
Published on -

Indore Metro Project: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध इंदौर शहर अब मेट्रो सिटी की लिस्ट में शामिल हो चुका है। लंबे समय तक की गई कोशिशों के बाद अब यहां पर 7500 करोड रुपए की लागत से मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का ट्रायल रन सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। जल्द ही यात्रियों के लिए मेट्रो का संचालन शुरू कर दिया जाएगा इसके बाद वह कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे और इसके लिए उन्हें ज्यादा किराया भी नहीं चुकाना होगा।

टेंपो से मेट्रो का सफर

इंदौर को मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के साथ लोगों के सपनों का शहर भी कहा जाता है। यह वही इंदौर है, जहां एक समय पर संकरी सी सड़कों पर लंबे टेंपो दौड़ा करते थे लेकिन अब बदलाव को अपनाता हुआ ये नगर अब मेट्रो तक पहुंच चुका है। स्वच्छता में सबसे आगे रहने के साथ इंदौर आईटी सेक्टर में भी बेहतरीन तरीके से कम कर रहा है और अब मेट्रो सिटी की लिस्ट में अपनी जगह बन चुका है। परिवहन के क्षेत्र में हुई ये क्रांति लोगों के उस सपने को पूरा कर रही है, जिसमें वो यह सोचा करते थे कि हमारे प्रदेश में भी कभी मेट्रो का संचालन होगा। 14 सितंबर 2019 को मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव रखी गई थी। दिन पर दिन तेजी से पूरे किए गए काम के बाद सितंबर 2023 में इसका ट्रायल रन हो सका है।

ऐसे पूरा हुआ काम

2019 में पहले चरण की नींव रखने के बाद कुछ समय तक ये काम अटका रहा लेकिन उसके बाद 484 दिनों के अंदर 6.3 किलोमीटर लंबे मेट्रो बायोटेक का निर्माण किया गया। इसके बाद केवल 4 महीने में ट्रैक बिछाए गए और 27 दिनों के अंदर 13 ट्रैक के टर्नआउट का काम पूरा किया गया और इनका विद्युतीकरण भी किया जा चुका है। मेट्रो रेल कोच के निर्माण में 5 महीने का समय लगा और ट्रैक्शन थर्ड रेल की कार्य प्रणाली को पूरा करने में 45 दिन लगे। यहां चार एस्केलेटर भी लगाए गए हैं, जो महज 23 दिन में तैयार हुए हैं। जोश और जुनून के साथ किया गया यह काम नागरिकों को बेहतर से बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करेगा।

इन रूट पर दौड़ेगी मेट्रो

इंदौर से मेट्रो ट्रेन को पीथमपुर तक चलाए जाने के अलावा इसे उज्जैन तक तो पहुंचाया ही जाएगा। इसी के साथ ये राऊ से राजेंद्र नगर, आरआर कैट और रणजीत रानुमान मंदिर तक भी जाएगी।

बनेंगे अंडरग्राउंड एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन

मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तहत रणजीत हनुमान मंदिर से राजवाड़ा और बड़ा गणपति को जोड़ा जाने वाला है। इसमें अंडर ग्राउंड रूट भी शामिल किया जाएगा, जो बड़ा गणपति से राजवाड़ा तक तैयार किया जाएगा। इसके अलावा पीथमपुर वाले हिस्से को भी इससे जोड़ा जाएगा। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनाया जाने वाला है। इसकी मदद एक से दूसरे स्टेशन तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा।

बनेगी मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी

मेट्रो का ट्रायल रन सफलतापूर्वक होने के बाद अब आने वाले 5 से 6 महीने में यात्रियों के लिए इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इंदौर और इसके आसपास के शहरों को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी भी तैयार की जाएगी। इंदौर से यह मेट्रो इंडस्ट्रियल इलाके पीथमपुर और धार्मिक नगरी उज्जैन तक चलाई जाएगी। साल 2028 में उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ के पहले मेट्रो उज्जैन तक चलाए जाने का संकल्प लिया गया है। इसी तरह से इंदौर और उसके आसपास के क्षेत्र को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी घोषित किया जाएगा ताकि इनका विकास तेजी से हो सके।

दोपहिया से सस्ता सफर

इंदौर में मेट्रो रेल के संचालन का शुरुआती चरण पूरा हुआ है, जो जल्द ही 31 किलोमीटर के रूट में बदल जाएगा। यहां कुल पांच स्टेशन बनाए जाने वाले हैं, जिसमें से तीन का काम फिलहाल अधूरा है, जिसे पूरा होने में 6 महीने का समय लगेगा। फिलहाल जिस हिस्से में ट्रायल रन किया गया है, वहां यात्री मिलना मुश्किल है। इसलिए ये कोशिश की जा रही है कि गांधीनगर से रोबोट चौराहे के 17.5 किमी के काम को पूरा कर जल्द शुरू किया जा सके।

इस मेट्रो प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि यह अमीरी और गरीबी के बीच की खाई को पूरी तरह से खत्म कर देगी। इसमें सफर करने के लिए किराया कितना होगा फिलहाल यह तो तय नहीं हुआ है, लेकिन यह बताया जा रहा है कि यात्रियों को मेट्रो का सफर दो पहिया वाहन के खर्चे से भी कम में करने को मिलेगा।

यात्रियों को मिलेगी ये सुविधा

  • 7500 करोड़ की लागत से तैयार किए गए 31 किलोमीटर के मेट्रो के उसे रूट पर चलने वाली ट्रेन में यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। ये सफर तेज और सुरक्षित होगा जिसमें सुरक्षित तरीके से यात्री बहुत ही कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
  • यहां ऑटोमेटिक टिकट सिस्टम रहेगा, जिससे यात्रियों को इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी।
  • स्टेशन पर एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा मिलेगी। साथ ही दिव्यांग यात्रियों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
  • ट्रेन के आने और जाने को लेकर स्टेशन पर हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में अनाउंसमेंट किया जाएगा ताकि यात्रियों को इस बारे में अच्छी तरह से जानकारी मिल सके।
  • कस्टमर केयर सेंटर भी शुरू किया जाएगा ताकि यात्री आसानी से मेट्रो रेल यात्रा के संबंध जानकारी हासिल कर सकें और कोई समस्या होने पर उन्हें उसका निराकरण मिल सके।
  • मेट्रो रेल के इस प्रोजेक्ट में सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जाएगा और स्टेशन तथा डिपो पर सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा।
  • यात्रियों के लिए भोजन, पानी, प्रतीक्षालय, शौचालय समेत सभी सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
  • मेट्रो रेल की हर कोच में एक इमरजेंसी गेट उपलब्ध होगा, जो आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
  • हर कोच में इमरजेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगाया जाएगा, जिसके जरिए किसी भी तरह की विपरीत परिस्थिति में मदद के लिए संपर्क किया जा सकेगा।

About Author
Diksha Bhanupriy

Diksha Bhanupriy

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

Other Latest News