इंदौर| इंदौर के बेटमा थाना क्षेत्र के आजंदा गांव के एक किसान ने लाखो के कर्ज और पाला पड़ने से नष्ट हुई फसल के चलते अपनी जान दे दी। पिछले 15 दिनों में तापमान की गिरावट के कारण ठंड का असर जोरदार रहा जिसके चलते तीन दफा पाला पड़ा। इसी पाले के वजह से किसानों की फसलें नष्ट हो गई लेकिन प्रभावित किसानों में से बेटमा के 32 वर्षीय किसान भरत पिता शिवनारायण मकवाना इतना आहत हुआ कि उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी।
शुक्रवार दोपहर भरत कर्ज के तनाव और नष्ट हुई फसल से इतना आहत हुआ कि उसने जहर खा लिया हालांकि जैसे ही परिजनों को इस बात की जानकारी लगी वैसे ही वो उसे बेटमा के अस्पताल ले गए जहां से उसे इलाज के लिए इंदौर के चोइथराम अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया | इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। राजेंद्र नगर पुलिस ने मृतक के शव को जिला अस्पताल भेज दिया|
मृतक के परिजनों की माने तो बीते वर्ष बारिश के कारण भरत की फसल नष्ट हो गई थी जिसके बाद बैंक व साहूकारों से लगभग 5 लाख से अधिक का कर्ज उसने लिया था और उसे अभी बोई गई चने व गेंहू की फसल से उम्मीद थी लेकिन बीते 15 दिनों में 3 बार पड़े पाले से नई फसल भी पूरी तरह से नष्ट हो गई थी जिसके बाद से वो परेशान रहने लगा था। मृतक के भाई मोहन मकवाना ने बताया कि पंद्रह दिन के भीतर रूक-रूक कर पाला पड़ा। जिससे कई किसानों की फसल नष्ट हो चुकी है। भारत ने इस बार अपने १० बीघा खेत में चने व कुछ हिस्से में गेहूं की फसल बोई। पाल पडऩे से फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। पिछले कुछ दिनों से वह इस बात को लेकर परेशान रहने लगा। गुरूवार दोपहर खेत में उसने इस वजह से परेशान होकर जहर खा लिया और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। सरकार भले ही किसानों की भलाई के लिए लाख दावे कर ले लेकिन अन्नदाता प्रकृति की मार और कर्ज के तले इतना दब सा गया है कि उसे इस तरह के कदम उठाना पड़ रहे है। किसान भरत के परिवार में उसकी पत्नि, एक बेटा और बेटी है जो सभी खेती में उसकी मदद करते थे।