इंदौर| मध्यप्रदेश हम्माल तुलावटी सयुंक्त संघर्ष समिति ने हाल ही में एक निर्णय लिया है जिसके बाद हर कोई चौंक गया है। दरअसल, प्रदेशभर के करीब 50 लाख हम्माल और तुलावटी आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग नही करेंगे और मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार और कृषि मंडी प्रशासन के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करने के साथ ही 11 मार्च से प्रदेश की मंडियों में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी। वही मतदान ना किये जाने को लेकर बकायदा हम्माल और तुलावटी हर मंडी में पर्चे लगाएंगे।
मध्यप्रदेश हम्माल तुलावटी सयुंक्त संघर्ष समिति ने ये निर्णय इसलिए लिया कि क्योंकि सरकार द्वारा उनकी मांगें 2 सालो से नही मानी जा रही है और उनसे 50 किलो से अधिक वजन उठवाया जा रहा है जो कि पूर्व अंतराष्ट्रीय श्रम मानकों के अनुरूप नही है जिसमे स्पष्ट है कि किसी भी सक्षम व्यक्ति से 50 किलो से अधिक वजन नही उठवाया जाना चाहिए। सयुंक्त संघर्ष समिति के राजू प्रजापति ने बताया कि मानव अधिकारों को ताक पर रखकर व्यापारियों के कहने पर मंडी प्रशासन हम्मालों का शोषण कर रहा है जबकि राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात सहित अन्य राज्यो में नियमो का पालन किया जा रहा है। ऐसे में हम्माल सड़को पर उतरने को मजबूर है और चरणबद्ध आंदोलन के लिए तैयार है और 11 मार्च से प्रदेश की अधिकतर मंडियों में हम्माल और तुलावटी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। वही हम्मालों और तुलावटियों ने निर्णय लिया है कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नही करेंगे। इधर, मंडी प्रशासन का इस मामले में रुख स्पष्ट नही है पूर्व की शिवराज सरकार ने भी गरीब हम्मालो कि नही सुनी थी वही कमलनाथ सरकार भी कोई सुध नही ले रही है।