300 साल पुराने इस मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होती हैं कई बीमारियां, कैंसर का भी होता है इलाज

Published on -
Interesting Facts

Interesting Facts : कई मंदिर ऐसे होते हैं जिनकी मान्यता काफी ज्यादा होती है। दूर-दूर से लोग उन मंदिरों में दर्शन करने के लिए आते हैं साथ ही मन्नत भी मांगते हैं जो पूरी होती है। वहीं कई मंदिर ऐसे भी होते हैं जहां कई बड़ी बिमारियों का इलाज सिर्फ दर्शन मात्र से ही हो जाता है। वैसे तो डॉक्टरों को भगवान का रूप माना जाता है क्योंकि उनकी वजह से कई जिंदगियां बचती हैं। लेकिन इसके लिए भी भगवान का साथ चाहिए होता है।

आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सिर्फ दर्शन करने से भक्तों की कई बीमारियां ठीक हो जाती है। इतना ही नहीं वहां की भभूत कैंसर जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए सबसे ज्यादा चमत्कारी मानी जाती है। हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वो ग्वालियर चम्बल अंचल के भिंड जिले के दंदरौआ गांव में मौजूद है। यहां एक हनुमान जी का मंदिर है जो बेहद चमत्कारी है।

इस मंदिर में हनुमान जी भक्त की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं साथ ही कई बीमारियों का इलाज भी करते हैं। इसलिए इस मंदिर को अस्पताल से कम नहीं माना जाता। क्योंकि दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में अपनी बीमारी का इलाज करवाने के लिए बड़ी ही श्रद्धा के साथ आते हैं। कहा जाता है कि सिर्फ इस मंदिर में बाबा के दर्शन और केवल भभूत लगाने से ही बीमारी का खात्मा हो जाता है। चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में –

भभूति से ठीक होता है कैंसर

मान्यताओं के मुताबिक कहा जाता है कि हनुमान स्वयं अपने भक्त का इलाज इस मंदिर में करते हैं जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आता है उसकी बड़ी से बड़ी बीमारी दूर हो जाती है। एक कहानी के मुताबिक साधु शिव कुमार दास नामक एक व्यक्ति को कैंसर हुआ था, उसने इस मंदिर में जाकर भगवान हनुमान के दर्शन किए थे।

दर्शन के बाद ही वह व्यक्ति पूरी तरह से ठीक हो गया था। जिसके बाद से इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा बढ़ गई। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि हनुमान जी के पास अभी प्रकार के रोगों का इलाज है। सिर्फ दर्शन मात्र से ही भक्त यहां ठीक हो जाता है।

इसके अलावा श्रद्धालुओं का इलाज भगवान की भभूति से भी किया जाता है। मंदिर की भभूति कैंसर जैसी बीमारी के लिए रामबाण मानी जाती है। इसके साथ ही यह भभूति कई गंभीर बीमारियों जैसे फोड़ा, अल्सर, कैंसर के लिए कारगर साबित होती है। लेकिन इस भगवती को मंदिर की पांच परिक्रमा करने के बाद ही लगाया जाता है। हम यस मंदिर की बात कर रहे हैं वह करीब 300 साल पुराना मंदिर है। यह एक तालाब से निकला हुआ मंदिर है, जहां हनुमान जी की चमत्कारी मूर्ति स्थापित है।

 


About Author

Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

Other Latest News