Jabalpur News: शहरी क्षेत्र से डेयरी हटाने में नाकाम साबित हुआ जिला प्रशासन, एनजीटी रिपोर्ट में हुआ खुलासा

जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश में पिछले कई सालों से शहरी क्षेत्र से डेरी हटाने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सरकार की तरफ से पेश एक्शन टेकन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरकार और जिला प्रशासन शहर से डेरी हटाने के काम में फिसड्डी साबित हुई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि परियट नदी और उसके आसपास ही केवल 222 डेरिया संचालित हो रही है, जिन्हें हटाकर शहर से दूर स्थान पर स्थापित किया जाना था। लेकिन महज चंद डेरी संचालकों ने इस पर सहमति जताई है। बाकी ज्यादातर डेरी वहीं शहर में जस की तस चल रही है। जिसके चलते न केवल गौर और परियट नदी का पानी प्रदूषित हुआ है बल्कि डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां भी फैल रही है।

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दर्शल नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से साल 1998 में शहर से डेरी हटाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उस वक्त याचिका में कहा गया था कि नगर निगम सीमा के अंदर संचालित करीब 450 डेरिया संचालित हो रही हैं। जिससे शहर में न केवल गंदगी फैल रही है बल्कि इन डेरियों के चलते डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां भी पनप रही है लिहाजा इन डेयरियों को शहर से बाहर किया जाए।

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Ram Govind Kabiriya