थाना प्रभारी एसपीएस बघेल की पूछताछ में बुजुर्ग ने बताया कि उसका नाम स्वामीनाथ यादव है और कृषि नगर में अकेला रहता है। जबकि उसका परिवार प्रयागराज में है। वो जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय का रिटायर्ड सिक्योरिटी गार्ड है। बुजुर्ग ने बताया कि उसका भविष्य निधि का पैसा मिल गया है पर पेंशन संबंधी समस्या आ रही है। लिहाजा अपनी समस्या लेकर वह कलेक्टर से मिलने आया है पर वह कलेक्टर से मिलता की पहले ही उसे पुलिस ने पकड़ लिया।
कहाँ से लाया है तलवार,पुलिस को नहीं दे सका जवाब
तलवार के विषय में जब थाना प्रभारी एसपीएस बघेल ने बुजुर्ग से पूछा तो वह किसी भी तरह का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया, कभी वह कहता की प्रधानमंत्री कार्यालय से यह तलवार मिली है तो कभी कहता कि भविष्य निधि कार्यालय वालों ने यह तलवार उसे भेंट की है, हालांकि पुलिस ने बुजुर्ग के पास रखे तमाम दस्तावेजों को जांच किया तो पाया कि वह है पहले सेना में कार्यरत था और उसके बाद फिर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करता था, बुजुर्ग के पास से उनकी पुलिस को पैन कार्ड- आधार कार्ड सहित कई अन्य दस्तावेज भी मिले हैं।
कलेक्ट्रेट में तलवार लेकर घूमना है अपराध, न्यायालय ने भेजा बुजुर्ग को जेल
कलेक्ट्रेट में धारा 144 लगी हुई है लिहाजा किसी भी तरह का अवैध हथियार लेकर घूमना कलेक्ट्रेट में अपराध है लिहाजा पुलिस ने बुजुर्ग के खिलाफ आर्म्स एक्ट की कार्रवाई करते हुए उसे न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया,ओमती पुलिस अब बुजुर्ग के परिजनों के संपर्क में जुटी हुई है पुलिस का कहना है कि संदेह यह भी जताया जा रहा है कि बुजुर्ग मानसिक रूप से डिस्टर्ब है लिहाजा जब बुजुर्ग स्वामीनाथ के परिजन जबलपुर आएंगे तब ही कुछ और कहा जा सकता है।