CM की माफी के बाद हेडमास्टर बोला, ‘मेरे खिलाफ साजिश हुई, पता था बहाल हो जाऊंगा’

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जबलपुर| शिवराज तो शिवराज है… पर मुख्यमंत्री कमलनाथ डाकू है ये कहकर सुर्खियों में आये जबलपुर शासकीय बुनियादी स्कूल के प्रधानाध्यापक मुकेश तिवारी के बहाली के आदेश 48 घन्टे के भीतर ही सीएम कमलनाथ ने दे दिए है। इधर वायरल हो रहे वीडियो को मुकेश तिवारी ने टेम्पर वीडियो बताया है। बहाली के बाद मीडिया के सामने आए मुकेश तिवारी का कहना है कि मुझे पहले से पता था कि मै बहाल हो जाऊँगा। उन्होंने ये भी कहा कि मेरा जो वीडियो वायरल हुआ है वो मेरे खिलाफ साजिश रच कर बनाया गया है। आरएसएस की अनुसांगिक सेवा भारती के सचिव मुकेश तिवारी ने कलेक्टर की जांच पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने दवाब में आकर मुझे निलंबित किया था। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ को मेरे ऊपर कोई दोष समझ मे नही आया और यही वजह थी कि उन्होंने मुझे बहाल कर दिया।

दरअसल, सोशल मीडिया में हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था,  जिसमे शासकीय बुनियादी स्कूल के प्रधानाध्यापक मुकेश तिवारी मुख्यमंत्री कमलनाथ को डाकू कह रहे थे । ये वायरल वीडियो शहर के कांग्रेस नेताओं के पास पहुँच और जिसको आधार मानकर कलेक्टर छवि भारद्वाज को शिकायत सौपी गई। कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी से इसकी जांच करवाई गई और वीडियो को सही मानते हुए टीचर को 


कमलनाथ ने दी माफी 

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जारी बयान में कहा है मुझे अभी ज्ञात हुआ है कि प्रदेश के जबलपुर में एक शासकीय स्कूल में पदस्थ एक प्राध्यापक ने एक बैठक में मेरा नाम लेकर डाकू शब्द कहे, जिसका वीडियो सामने आया और ज़िला प्रशासन ने शिकायत मिलने पर उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम के तहत निलंबित किया है। उन्होंने कहा लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है , मेरा ऐसा मानना है।मैं सदैव इसका पक्षधर रहा हूँ।  यह भी सही है कि शासकीय सेवा में पदस्थ रहते हुए उनका यह आचरण नियमो का उल्लंघन हो सकता है , इसलिये उन पर निलंबन की कार्यवाही की गयी है। लेकिन में यह सोचता हूँ कि इन्होंने इस पद पर आने के लिये कितने वर्षों तक तपस्या , मेहनत की होगी। इनका पूरा परिवार इन पर आश्रित होगा। निलंबन की कार्यवाही से इन्हें परेशानियो से गुज़रना पढ़ सकता है। उन्होंने कहा एक मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी से इन पर निलंबन की कार्यवाही की जाये , यह नियमो के हिसाब से सही हो सकता है लेकिन में व्यक्तिगत रूप से इन्हें माफ़ करना चाहता हूँ। में नहीं चाहता हूँ कि इन पर कोई कार्यवाही हो। 

माफ़ी के साथ नसीहत 

सीएम ने कहा एक शिक्षक का काम होता है , समाज का नवनिर्माण करना। विद्यार्थीयो को अच्छी शिक्षा देना। उम्मीद करता हूँ कि वे भविष्य में अपने कर्तव्यों पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा मेंने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिये है कि इनका निलंबन अविलंब समाप्त हो। इन पर कोई कार्यवाही ना की जाये। वह ख़ुद तय करे कि जो इन्होंने जनता की चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री के लिये जो कहा है , क्या वह सही है ? 

 


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