जबलपुर| जिला परिवहन अधिकारी और वहाँ पर तैनात एजेंटों का विवाद अब सरेराह आ गया है। आज मामूली बात को लेकर फिर एजेंट और आरटीओ एक दूसरे के आमने सामने आ गए जिसके बाद आरटीओ ने सभी एजेंटों को कैम्पस से बाहर कर दिया। गुस्साए एजेंटों ने गेट के बाहर आकर जमकर हंगामा किया और आरटीओ संतोष पाल पर कई संगीन आरोप लागये।
परिवाहन विभाग में बैठने वालों एजेंटों ने जिला परिवाहन अधिकारी संतोष पाल पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि आरटीओ ने परिवाहन विभाग के सभी नियम कानून को ताक में रख दिया है।जो भी फीस शासन के द्वारा निर्धारित की गई है उस फीस से कही बढ़कर आरटीओ पाल साहब पैसे मांग रहे है। वही अगर किसी को अपनी गाड़ी ट्रांसफर करवाना हो तो उसे घंटो तक चपरासी के सामने खड़ा करवाया जाता है जबकि नियम के तहत एआरटीओ य सेकंड क्लास के अधिकारी को गाड़ी के कागज मालिक के सामने चेक करने का अधिकार है ।वही नाम ट्रांसफर के लिए जहा आठ सौ से साढ़े आठ सौ रुपयों की जगह 15 सौ से 17 सौ रु की मांग आरटीओ के द्वारा की जा रही है।एजेंटों ने जिला परिवाहन अधिकारी पर यहाँ तक आरोप लागाया की संतोष पाल साहब ने परिवाहन विभाग से हटकर कई नियम बनाये है।आज हुए हंगामे के बाद करीब ढाई सौ से ज्यादा एजेंटों ने 13 जनवरी तक के लिए काम को बंद कर दिया है।बताया जा रहा है कि 13 तारीख को सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री लखन घनघोरिया से मुलाकात की जाएगी और उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि आरटीओ में बैठना है य नही।इधर जिला परिवाहन अधिकारी संतोष पाल ने आज हुए विवाद को कुछ कागजी दस्तावेज को बताया है।बहरहाल आरटीओ संतोष पाल के खिलाफ सभी एजेंट लामबंद हो गए है।माना जा रहा है कि एजेंटों के द्वारा मंत्री लखन घनघोरिया से की गई आरटीओ की शिकायत उनके लिए परेशानी का सबब बन सकती है।