जबलपुर, संदीप कुमार| संविधान दिवस पर दिल्ली में होने जा रहे दो दिनी किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) के कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) ने निशाना साधा है| केन्द्रीय कृषि कानून के विरोध में 26 और 27 नवंबर को होने जा रहे इस प्रदर्शन पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कृषि कानून का विरोध राजनीति से प्रेरित है| कमल पटेल ने कहा कि कृषि कानून का विरोध वो कर रहे हैं जिनकी दुकानदारियां और धंधे इस कानून से बंद हो गए हैं|
जबलपुर पहुंचे कृषि मंत्री ने कहा कि अधिकांश लोगों ने केन्द्रीय कृषि कानून पढ़ा ही नहीं है| कमल पटेल ने कहा कि इस एक्ट से ना तो मंडियां बंद हो रही हैं और ना ही समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद हो रही है बल्कि एक्ट के जरिए किसानों को और सुविधाएं ही मिलनी हैं| वहीं मध्यप्रदेश में किसान सम्मान निधि का वितरण पूरा ना होने और इस योजना में हुई गड़बड़ियों को कृषि मंत्री ने कुबूला| कमल पटेल ने कहा कि किसान परिवार को एक यूनिट मानकर 10 हजार रुपयों की सम्मान निधि का वितरण किया जाना है लेकिन कई जगह अगर परिवार में दो सदस्यों को निधि दे दी गई तो एक सदस्य से उसे वापिस भी ले लिया जाएगा|
कमल पटेल ने कहा कि बड़े काम में अक्सर गलतियां भी हो जाती हैं लेकिन उनका विभाग ऐसी गलतियों को सुधारेगा और सरकार की मंशा के मुताबिक हर किसान परिवार को तय किया गया आर्थिक फायदा दिया जाएगा| जबलपुर में पत्रकारों से मुखातिब हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर भी निशाना साधा| कमल पटेल ने कहा कि कमलनाथ छिंदवाड़ा के कुएं के मेंढक थे जो हर योजना छिंदवाड़ा ले गए थे| कमल पटेल ने कहा कि उन्होने सभी कांग्रेसियों को अब छिंदवाड़ा में ही जाकर कांग्रेस सरकार की योजनाओं का लाभ लेने की नसीहत दी है| कमल पटेल ने आरोप लगाया कि बीती सरकार ने किसानों से किए वादे नहीं निभाए लिहाजा किसान अब हर जिले और हर थाने में धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज करवाएंगे|