बड़ी खबर : पूर्व CM शिवराज सिंह सहित तीन नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट, ये हैं पूरा मामला

कोर्ट ने आवेदन पत्र पर नाराजगी जताई और इसे अस्वीकार करते हुए वकील को फटकार लगाई और तीनों नेताओं को 500-500 रुपये के जमानती वारंट से तलब किया, मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी जिसमें तीनों नेताओं को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।

Shivraj Singh Chouhan

Bailable warrant against former CM Shivraj Singh Chauhan :  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ जबलपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया है, कोर्ट ने 500-500 रुपये के जमानती वारंट से तीनों नेताओं को तलब किया है, मामला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा की मानहानि केस से जुड़ा हुआ है।

MP/MLA कोर जबलपुर ने जारी किया जमानती वारंट  

जबलपुर की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/एमएलए कोर्ट) श्रीमती विश्वेश्वरी मिश्रा ने विवेक तन्खा मानहानि मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है, दर असल एमपी/एमएलए कोर्ट में ये मामला चल रहा हैं, 2 अप्रैल को सुनवाई के दिन तीनों नेताओं को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना था लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए।

शिवराज, वीडी और भूपेन्द्र के वकील को लगाई कड़ी फटकार 

शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह की तरफ से पेश वकील ने एक आवेदन कोर्ट में प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने लिखा कि वे भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और इस समय चुनाव चल रहे हैं इसलिए व्यस्तता के चलते स्वयं कोर्ट में उपस्थित होने में असमर्थ हैं, कोर्ट ने आवेदन पत्र पर नाराजगी जताई और इसे अस्वीकार करते हुए वकील को फटकार लगाई और तीनों नेताओं को 500-500 रुपये के जमानती वारंट से तलब किया, मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी जिसमें तीनों नेताओं को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।

पिछली सुनवाई में भी नहीं हुए थे हाजिर 

यहाँ आपको बता दें कि अभियुक्तगणों यानि इन तीनों नेताओं को कोर्ट ने इस मामले में 22 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन उस दिन इन लोगों ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित ना होकर गैरहाजिरी माफ़ी आवेदन प्रस्तुत किया और खुद को लोकसभा चुनाव में व्यस्त बताते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें उन्हें 7 जून तक का समय दिए जाने की मांग की , कोर्ट ने आवेदन स्वीकार करते ही एक शर्त लगाई कि वे 2 अप्रैल को स्वयं उपस्थित होकर ये बात कोर्ट के सामने कहें।

कोर्ट ने 7 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया 

कोर्ट के आदेश के बाद भी तीनों नेताओं में से कोई भी नेता 2 अप्रैल को भी उपस्थित नहीं हुआ और अभियुक्तगणों ने आवेदन पत्र वकील के माध्यम से भेज दिया, कोर्ट ने नाराज होते हुए  कहा कि तीनों भाजपा के वरि ष्ठ नेता हैं इसलिए इनपर कोर्ट के आदेश का सम्मान करने की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है वर्ना समाज में  कैसा मैसेज जायेगा उन्हें इसका आभास भी होना चाहिए।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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