जबलपुर, संदीप कुमार। शहर में कोरोना संकटकाल में कुछ बदला हो या ना बदला हो, लेकिन निजी अस्पतालों ने जरुर इस आपदा को अवसर में बदल लिया है। जैसे कि कैसे कोरोना मरीजों के इलाज की छूट मिलते ही जबलपुर के निजी अस्पतालों के कमरों के रेट, फाईव स्टार होटल्स के कमरों से भी मंहगे हो गए।
कोरोना मरीजों से इलाज के नाम पर हो रही लूट के बाद जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ एक बैठक भी की थी और उन्हें कोरोना मरीजों के इलाज में मानवीय आधार पर कम से कम चार्ज वसूलने का निर्देश दिया था। जबलपुर के निजी अस्पतालों ने प्रशासन के इस निर्देश में भी कमाई का मौका तलाश लिया और खुद ही मिल जुलकर कोरोना मरीजों के इलाज की रेट लिस्ट तय कर दी। निजी अस्पतालों ने जनरल वार्ड में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों के लिए प्रतिदिन न्यूनतम 8 हज़ार रुपए और आईसीयू में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों के लिए 20 हजार रुपयों का रेट तय कर दिया गया। जनता के बीच जब ये संदेश गया कि प्रशासन की शह पर ही निजी अस्पतालों ने कोरोना मरीजों के इलाज की इतनी भारी-भरकम रेट लिस्ट तैयार की है तो इसका विरोध भी तेज हो गया।