MP Board Exam: एमपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा में सही उत्तर लिखने पर भी छात्रों को कम अंक मिले। जिसे लेकर छात्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले मंगलवार को हाई कोर्ट ने एक छात्रा की याचिका को माध्यमिक शिक्षा मंडल को नोटिस जारी किया है। साथ ही 4 हफ्ते में इस मामले में जवाब भी मांगा है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विशाल बघेल ने जस्टिस विशाल धगट की बेंच को बताया कि सतना जिले की रहने वाली छात्रा दिशा पांडे ने वर्ष 2024 में माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित की गई दसवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुई थि। संस्कृत विषय में छात्रा को 76 अंक दिए गए थे। जबकि छात्रा को इससे अधिक अंक की उम्मीद थी।
पुनर्मूल्यांकन के बाद बोर्ड ने बढ़ाए थे 2 अंक (MP High Court)
जब छात्रा को एहसास हुआ कि उसे अपेक्षित अंकों से कम अंक दिये गये हैं। तो उसने एमपी बोर्ड से से अपनी उत्तर पुस्तिका कॉपी की माँग की। उत्तर पुस्तिका की पुनर्गणना के लिए भी आवेदन भी किया। जिसके बाद बोर्ड ने दो अंक बढ़ा दिए। लेकिन संतोषजनक परिणाम न मिलने पर छात्रा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाना सही समझा।
छात्रा ने दिया यह तर्क (MP Board of Secondary Education)
छात्रा का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी किए गए संस्कृत विषय के आदर्श उत्तरों में बोर्ड द्वारा जिन उत्तरों को सही उत्तर के रूप में मान्य किया है। उसने अपनी आन्सर-शीट में भी वही उत्तर लिखे हैं। इसके बाबजूद बोर्ड ने कम दिए। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1965 के विनियम 119 का हवाला देकर छात्रा की उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन करने से इंकार कर दिया। छात्रा ने बोर्ड के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट विशाल बघेल और शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पांडेय ने पैरवी की है।जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट