किसानों की कर्जमाफी की तर्ज पर शिक्षा ऋण भी हो माफ, एमपी में उठी मांग

Published on -
-Education-Loan-even-waived-on-the-lines-of-farmers'-debt-waiver-demanded-in-MP

जबलपुर | प्रदेश सरकार ने पहले किसानों की ऋण माफी की घोषणा की…..उसके बाद बिजली माफी की घोषणा…..ऐसे में अब प्रदेश के छात्रों ने भी केंद्र और प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि उनका शिक्षा ऋण माफ किया जाए क्योंकि सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह से असफल हो रही है।अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने नागरिक उपभोक्ता मंच के साथ मिलकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है और सरकार से ऋण माफी की मांग की है।छात्रों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ बेहतर रोजगार देने का वादा करने वाली केंद्र और प्रदेश सरकार के दावे पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं।शिक्षा ऋण लेने के बाद अच्छी तालीम लेना और बाद में रोजगार के लिए भटकना युवाओं के साथ आम हो गया है।आईबीए ने एनपीए के माध्यम से जो रिपोर्ट बनाई है वह कुछ इस प्रकार से है…… 31 मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विधि-वार एनपीए कुछ इस प्रकार से है।

 विधि       एनपीए  प्रतिशत

चिकित्सा पेशा…..6.06

अभियांत्रिकी.……9.75

नर्सिंग कोर्स ……..21.28

एमबीए .………….5.59

अन्य पेशा…..…….9.49

नागरिक उपभोक्ता मंच ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर मांग की है कि छात्रों का ऋण माफ किया जाए।इधर छात्रों का कहना है कि लोन लेकर उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है।लोन की किस्त चुकाने में भी परेशानी आ रही है लिहाजा माता पिता पर ऋण लोन की किस्त जमा करने का बोझ बढ़ रहा है।बेरोजगारी की मार झेल रहे छात्रों को शिक्षा ऋण लोन जमा करने के लिए 10 से 14% का भारी-भरकम ब्याज चुकाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं एनसीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से 2016 में 12806 छात्रों ने बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या कर ली थी वहीं इस मामले में सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि जो भी हमारे वचन पत्र में होगा उसे हम जरूर पूरा करेंगे।


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News