जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court ) ने ई-वे बिल (e way bill) को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर किसी ई-वे बिल की मियाद खत्म हो जाती है तो सिर्फ इसे टैक्स चोरी का आधार नहीं माना जा सकता, इसी टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने एक व्यापारी पर लगाई गई 6 लाख 82 हजार रुपयों की पेनाल्टी रद्द कर दी है।
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हाईकोर्ट ने स्टेट जीएसटी विभाग को 30 दिनों के भीतर पेनाल्टी की राशि संबंधित व्यापारी को लौटाने का निर्देश दिया है और अगर ऐसा नहीं होता है तो विभाग को यही राशि 6 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटानी होगी। दरअसल, रायपुर से मध्यप्रदेश के डिंडौरी के लिए एक ट्रक में माल रवाना किया गया था। रात 12 बजे के बाद तारीख बदलने से माल के ई-वे बिल की मियाद खत्म हो गई थी।
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ऐसे में सुबह 4 बजे स्टेट जीएसटी विभाग ने ट्रक को रोक लिया था जिसमें बाकी दस्तावेज ठीक होने पर भी ई वे बिल एक्सपायर होने की बात कहकर व्यापारी पर 200 गुना पेनाल्टी लगा दी गई थी। पेनाल्टी चुकाने का मजबूर हुए व्यापारी ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अब हाईकोर्ट ने ना सिर्फ व्यापारी पर लगाई गई पेनाल्टी की राशि उसे लौटाने के निर्देश दिए हैं बल्कि ये भी आदेश दिया है कि सिर्फ ई वे बिल की मियाद खत्म होने को टैक्स चोरी नहीं माना जाए।