जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) विधुत विभाग (power department) में पदस्थ नवनीत राठौर की कार्यशैली से नाराज होकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी कुर्सी को केबिन से बाहर निकाला और उस पर अपना आवेदन चिपका दिया। इस दौरान वहां तैनात कर्मचारियों ने जब इसका विरोध किया तो कांग्रेस के नेताओ से उनकी जमकर बहस भी हुई। बता दें डी.ई नवनीत राठौर साउथ डिवीजन में पदस्थ है।
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नहीं सुनते है जनता की शिकायत-फ़ोन भी नही उठाते
कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा का कहना था कि हाल ही में साउथ डिवीजन में डी.ई नवनीत राठौर की तैनाती हुई है पर जब से वो यहाँ आए है तभी से वह नदारद है। जनता की समस्या का समाधान नही हो रहा है और जब उनको फोन करो तो वह रिसीव नही करते है,आलम यह है कि जनता बिजली की समस्या को लेकर परेशान है और अधिकारी सुनने को तैयार नही है।
क्या अधिकारी की कुर्सी उठाकर बाहर रखना सही है।
लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार सभी को हो पर एक अधिकारी की अनुपस्थिति में उनकी कुर्सी कार्यालय से बाहर लाकर उसमे शिकायत पत्र चिपका देना यह भी सही नही है। डी.ई के कार्यालय में पदस्थ उनके अधीनस्थों ने जब इसका विरोध किया तो कांग्रेस नेताओं ने उनको ही खरी खोटी सुना दी।
न भाजपा न कांग्रेस कोई नही है अधिकारियों से खुश
एक तरफ जहाँ जनता की बिजली संबधित समस्या को लेकर अधिकारियों से कांग्रेस नाराज है। तो वहीं भाजपा के नेता भी खुश नही है, जबलपुर में एक तरफ कांग्रेस नेता अधिकारी की नाफरमानी से जहाँ उनकी कुर्सी में ही शिकायत पत्र चिपका रहे थे तो वही दूसरी और भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी बिजली विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से नाराज होकर एमडी को शिकायत दे रहे थे। कुल मिलाकर बिजली विभाग इन दिनों जनता की समस्या का निदान करने में असफल साबित हो रही है।