जबलपुर,संदीप कुमार। एमपीपीएससी में ओबीसी के 27% आरक्षण पर हाईकोर्ट के रोक के बाद ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार पर जानबूझकर ओबीसी वर्ग को आरक्षण न देने का आरोप लगाया है, वेलफेयर के अध्यक्ष एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा है कि, यदि इस मामले में सरकार ठीक से पैरवी करती या महाधिवक्ता की तरफ से सार्थक कोशिश होती तो एमपीपीएससी में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण मिल जाता।
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ओबीसी वेलफेयर के अध्यक्ष रामेश्वर सिंह ठाकुर ने आरोप लगाए कि, इतने अहम मुद्दे में एडवोकेट जनरल बहुत सारी सुनवाई में पेश ही नहीं हुए, एडवोकेट जनरल को इस मामले में उपस्थित होकर ओबीसी के वर्ग को मजबूती से रखना था जो कि नहीं किया गया जिसके चलते ओबीसी का पक्ष कोर्ट के सामने मजबूती से रखा ही नहीं गया और उसका नतीजा यह हुआ कि, कोर्ट ने 14 परसेंट से ज्यादा आरक्षण देने की सहमति नहीं दी।
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वेलफेयर के अध्यक्ष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि इस मामले में हाई कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार से और एमपीपीएससी से कई बार डाटा मांगने के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई जिसका नतीजा यह हुआ कि कोर्ट में ओबीसी वर्ग का पक्ष कमजोर हो गया, सरकार ओबीसी वर्ग की अच्छी खासी आबादी होने के बाद भी उनका 27% आरक्षण जस्टिफाई नहीं कर पाई।
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ओबीसी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि इतने संवेदनशील मामले को सरकार ने बहुत ही कैजुअल तरीके से डील किया रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि उनकी तरफ से सरकार को कई बार इस मुद्दे पर डाटा देने के बाद भी उसको ना तो कोर्ट में पेश किया गया नहीं सरकारी मशीनरी ने ऐसे कोई दस्तावेज कोर्ट में पेश किए जिससे ओबीसी आरक्षण को बल मिल सके।