आयुर्वेद स्नातक पाठ्यक्रम में चार नहीं अब तीन परीक्षाएं होंगी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन यानि भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने आयुर्वेद स्नातक कोर्स (BAMS) की परीक्षा व्यवस्था में बदलाव किया है। बीएएमएस में अब तक स्नातक पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए चार परीक्षाएं होती थीं। इनमें पहला, दूसरा और तीसरा एक-एक साल और चौथा डेढ़ साल में होता था। वही अब बीएएमएस का पूरा कोर्स पहले की तरह अभी भी साढ़े चार साल का रहेगा, लेकिन अब तीन परीक्षाएं होंगी, जो डेढ़-डेढ़ साल अंतराल पर ली जाएंगी। 2022-23 के सत्र से यह नियम लागू हो जाएंगे।

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भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने 16 फरवरी को अधिसूचना जारी कर दी है। इसके मुताबिक इंटर्नशिप पहले की तरह डेढ़ साल की ही होगी। बताया जा रहा है कि  एक परीक्षा कम होने से विद्यार्थियों को फायदा होगा। विश्वविद्यालय भी समय पर परीक्षाएं आयोजित करा सकेंगे। अभी परीक्षाएं समय पर नहीं होने की वजह से डिग्री पूरी करने में देरी होती है। इसके साथ ही मूल्यांकन की समस्या भी हल हो जाएगी।

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Harpreet Kaur