संदीप कुमार,जबलपुर। Jabalpur medical college में इलाज के दौरान एक कैदी की मौत हो जाने के बाद घर वालों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बवाल खड़ा कर दिया। (Central jail Jabalpur)केंद्रीय जेल जबलपुर में 34-2 एक्ट में सजा काट रहे कैदी अनिल मरावी की मौत इलाज के दौरान हो गई, जिसके बाद परिजनों ने जबलपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसपी ऑफिस का घेराव किया।
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स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के साथ मिलकर एसपी ऑफिस का घेराव करने वाले घर वालों का कहना है कि वे 5 दिन में मामले कि सही जांच ना हुई तो समाज के लोग मिलकर इस आंदोलन को और उग्र रूप देंगे। आदिवासी समाज के लोगो ने मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी पुलिस को दी है।
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बता दें कि 6 दिसंबर को अनिल मरावी के घर से गौर चौकी प्रभारी नितिन पांडे की टीम और आबकारी टीम ने 3 बोतल शराब जप्त की थी। अनिल और उसके साले की गिरफ्तारी हुई। अनिल को आबकारी की धाराएं लगाकर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। केंद्रीय जेल में अनिल मरावी की तबियत खराब हो गई और उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। यहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद अनिल की पत्नी ने गौर चौकी के स्टाफ पर उसके पति अनिल और उसके भाई के साथ निर्दयता पूर्वक व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
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अनिल की पत्नी ने अपने बयान में बताया कि उसके भाई से 10 हजार रु लेकर उसे छोड़ दिया वही उसके पति अनिल को छोड़ने के एवज में 20 हजार रु की मांग की गई थी, रुपए न देने पर गौर चौकी पुलिस ने मारपीट की और उस पर आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। अब मामले पर सामाजिक और राजनीतिक बवंडर खड़ा होता देख एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है। घटनाक्रम की न्यायिक जांच फिलहाल जारी है।