जबलपुर में सूदखोरों की प्रताड़ना से फिर गई जान, 10 दिन में तीसरी आत्महत्या

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जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। सूदखोरों पर कार्रवाई के लिए हेल्प लाइन नम्बर जारी करने के बावजूद जबलपुर में फिर एक युवक ने फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी, युवक सूदखोरों से प्रताड़ित था, इस घटना का और दुखद पहलू यह है कि मृतक आलोक पांडेय के पिता ने भी चार महीने सूदखोरों से परेशान होकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली थी, 32 साल के आलोक ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमे चार युवकों के नाम लिखे है जो उसे रकम ब्याज पर देने के बाद से परेशान कर रहे थे, जबकि आलोक रकम वापस कर चुका था मगर ब्याज पर ब्याज उससे मांगा जा रहा था, आलोक का चार साल का बेटा और तीन महीने की बेटी है, घटना के बाद से आलोक का परिवार सदमे में है। आलोक सिविल कांट्रेक्टर था, आलोक ने मौत को गले लगाने से पहले सुसाइड नोट में लिखा कि मजबूरी में वह यह कदम उठा रहा है उसने उन चार युवकों के नाम भी लिखे जिन्होंने उससे मूल रकम के बदले में कई गुना रकम वसूल ली लेकिन फिर भी उसे प्रताड़ित कर रहे थे, आलोक ने अपने कमरे में पंखे से लटक कर जान दे दी।

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जबलपुर में पिछले 10 दिनों में सूदखोरों से तंग आकर जान देने की यह तीसरी घटना है। तीनो घटनाओं में युवकों ने अपनी जान दे दी। इस मौत ने एक बार फिर शहर की पुलिस पर करारा तमाचा जड़ा है। क्योंकि पुलिस ने सूदखोरों से निपटने हेल्पलाइन नम्बर जारी किया है लेकिन उसके बावजूद इस तरह लोग इनकी प्रताड़ना से जानलेवा कदम उठा रहे है, लगातार पुलिस अधिकारी मीटिंग कर रहे है और सूदखोरों से निपटने रणनीति बना रहे है लेकिन रणनीति कितनी कारगर साबित हो रही है उसके उदाहरण शहर में सामने आ रहे है। वही दूसरी तरह प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सूदखोरों पर कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस को आदेश दे रहे है लेकिन लगता है जबलपुर पुलिस इससे इतर काम कर रही है न तो वह सी एम के आदेश मान रही है और न ही मामले सामने आने के बाद कड़ी कार्रवाई कर रही है, और इसी का नतीजा है कि सूदखोरों में पुलिस का डर खत्म हो गया और सूदखोरों के डर से पीड़ित जान दे रहे है। फिलहाल एक बार फिर पुलिस ने कार्रवाई की बात की है।

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Harpreet Kaur