Jabalpur News : मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए शादीशुदा महिला की अपने कथित रूप से प्रेमी के खिलाफ करवाई गई एफआईआर को रद्द करते हुए कहा है कि यह मुमकिन नहीं है कि एक शादीशुदा महिला यह दावा करें कि उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ कई सालों तक यौन शोषण किया गया। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी युवक के साथ लगातार संबंध में रहने वाली विवाहित महिला इस दलील का सहारा नहीं ले सकती कि उससे शादी का झूठा वादा करके संबंध बनाए गए थे।
क्या है पूरा मामला
दायर याचिका के अनुसार एक विवाहित महिला 8 साल तक कथित प्रेमी से संबंध में रही वह लखनऊ से पति के पास से जब भी भोपाल आते तो अन्य पुरुष से संबंध बनाती थी, बाद में वह उस पुरुष के साथ कई सालों तक साथ में भी रही। इस बीच पति से तलाक ले लिया तो कथित प्रेमी ने भी उसका साथ छोड़ दिया। इसके बाद महिला ने भोपाल की पिपलानी थाने में शादी का झांसा देकर अपने कथित रूप से प्रेमी के खिलाफ बलात्कार किए जाने की एफआईआर दर्ज करवाई थी।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि महिला पहले से विवाहित थी इसलिए वह दावा नहीं कर सकती की संबंध बनाने की सहमति शादी का झांसा देकर की गई थी। इसी के साथ एफआईआर को रद्द करने का आदेश कोर्ट ने दिया है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट