Jabalpur News : छिंदवाड़ा में बिशप ने बेच दी शासकीय जमीन, EOW ने पूर्व बिशप सहित 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

तत्कालीन बिशप ने जमीन बेचने के लिए ना तो फॉर्म और संस्था से अनुमति ली और ना ही यह रकम को चर्च के खाते में जमा कराया। इसमें शासन को एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

Amit Sengar
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Jabalpur News : जबलपुर आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ने छिंदवाड़ा के तत्कालीन बिशप इमानुअल पंचू सहित अनिल मैथ्यूज ,आर्चडीकन बिशप अनिल मार्टिन, सचिव नितिन सहाय, कमलकांत राठी और चर्च के हेड ट्रेजर अशोक चौकसे के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जल्द ही EOW इनकी गिरफ़्तारी करते हुए रिकवरी भी करेगी।

क्या है पूरा मामला

जबलपुर EOW एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि तत्कालीन बिशप इमानुअल पंचू ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए फर्जी दस्तावेज बनाए और शासन की जमीन जिसकी कीमत करीब एक करोड़ 11 लाख 95 हजार रुपए है, उसे बेच दी। तत्कालीन बिशप के साथ उनके पांच अन्य साथी भी है। सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। EOW एस पी आर डी भारद्वाज के मुताबिक तत्कालीन बिशप ने पावर ऑफ अटॉर्नी अनिल मैथ्यूज व अनिल मार्टिन को देकर सागर के खुरई स्थित 6000 वर्ग फीट की जमीन जिसकी कीमत 14 लाख रुपए है उसे 12 लाख रुपए में राकेश राय को बेच दी। तत्कालीन विश्व ने 5 लाख रुपए चेक के माध्यम से लिए, जिसे चर्च के खाते में जमा नहीं किया।

इसी तरह से अमरवाड़ा में 41 लाख 65 हजार रुपए कीमत की 2800 वर्ग फीट जमीन वर्ष 2015 में 5 लाख में बेच दी, तत्कालीन बिशप इमानुअल पंचू समेत सचिव नितिन सहाय भी शामिल था। अमरवाड़ा में ही 1600 वर्ग फीट की जमीन वर्ष 2018 में 2 लाख 10 हजार में बेच दी। छिंदवाड़ा फोरेस्ट नाका के पास की 1200 वर्ग फीट जमीन मार्च 2007 में कमलकांत राठी ने फर्जी दस्तावेज के जरिए अशोक चौकसे को 6 लाख 16 हजार रुपए में बेची। तत्कालीन बिशप ने जमीन बेचने के लिए ना तो फॉर्म और संस्था से अनुमति ली और ना ही यह रकम को चर्च के खाते में जमा कराया। इसमें शासन को एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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