Jabalpur News : मूंग-उड़द खरीदी को लेकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने भरी हुंकार, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

धर्मकांटा से तौल कराने की मांग, फर्जी एफपीओ केंद्र निरस्त करने के साथ देरी से शुरू हुई मूंग खरीदी की अंतिम तिथि भी बढ़ाने की मांग ज्ञापन में शामिल है।

Amit Sengar
Published on -
farmer protest

Jabalpur News : ग्रीष्मकालीन मूंग उड़द खरीदी को लेकर बनी उपार्जन नीति में संशोधन की मांग को लेकर जिले के किसानों ने भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन घंटाघर के पास कलेक्टर को सौंपा। मक्के को बोनी व धान का रोपा लगने के व्यस्ततम समय के बाद भी सैकड़ों किसानों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर अपनी हुंकार भरी। भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि मूंग उड़द खरीदी को लेकर बनी उपार्जन नीति में पिछले वर्ष 2023 की तुलना में इस वर्ष 2024 में जो बदलाव किये गये हैं। इससे सरकार की मंशा लगती है कि किसानों को इतना परेशान किया जाये कि वह खुले बाजार में ही कम दाम पर अपनी उपज को बेंचे और सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली धान, गेंहू व मूंग उड़द की खरीद को बंद कर दे। श्री पटैल ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार उपार्जन नीति में बदलाव कर किसानों को व्यापारियों के हाथों में लुटवाना चाहती है। यह अब किसान को स्पष्ट होने लगा है।

किसानों का आरोप

भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटेल ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर भृष्टाचार व मिलीभगत का आरोप लगाते हुये कहा कि फर्जी एफपीओ को मूंग खरीदी के लिये कूटरचित दस्तावेज के आधार पर केंद्र बनाया गया है। जिसमें शामिल लोग किसान की बजाय व्यापारी हैं। प्रकरण की शिकायत मुख्यमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री, आयुक्त, कलेक्टर व आयकर विभाग को भी की गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त ई मेल में मुख्यमंत्री ने शिकायत को कृषि विभाग में जांच व कार्यवाही के लिये भेज दिया है।

प्रह्लाद सिंह पटैल ने कहा कि उपार्जन कार्य से जुड़े विभागों में लंबे समय से पदस्थ अधिकारी व कर्मचारी भी भृष्टाचार के गोरखधंधे में शामिल हैं। उन्होंने फर्जी एफपीओ के डारेक्टर की जांच कर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की।

ये हैं किसानों की मांग

किसानों के द्वारा सौंपे गये ज्ञापन के बारे में जानकारी देते हुये जिलाध्यक्ष मोहन तिवारी ने बताया कि 2023 की उपार्जन नीति में प्रति हैक्टेयर 16 क्विंटल मूंग खरीदी गई थी, जिसे कम करके प्रति हैक्टेयर 8 क्विंटल किया गया है। इसे पुनः 16 क्विंटल करने की मांग रखी है। प्रतिदिन प्रति किसान 40 क्विंटल खरीदी सीमा रखी जाये। धर्मकांटा से तौल कराने की मांग, फर्जी एफपीओ केंद्र निरस्त करने के साथ देरी से शुरू हुई मूंग खरीदी की अंतिम तिथि भी बढ़ाने की मांग ज्ञापन में शामिल है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News